राहुल गांधी की सांसदी जाने पर अमेरिका के बाद जर्मनी ने कही ये बात, जाने पुरी खबर

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई है। इस पर जर्मनी सरकार ने प्रतिक्रिया दी है। जर्मनी ने कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि राहुल गांधी पर कार्रवाई करते समय न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक अधिकारों को ध्यान रखा जाएगा।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि केस में 2 साल की सजा मिलने के बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द होने के बाद देश-विदेश से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

राहुल गांधी की सांसदी जाने पर अमेरिका के बाद, जर्मनी की प्रतिक्रिया

लोकसभा की ओर से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने पर यूरोपीय देश जर्मनी ने कहा है कि राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों के मानक लागू होने चाहिए। राहुल गांधी के मामले में यूरोपीय देशों की ओर से यह पहली प्रतिक्रिया है। इससे पहले अमेरिका ने राहुल गांधी मामले पर प्रतिक्रिया दी थी। राहुल गांधी की सांसदी जाने पर अमेरिका के बाद, जर्मनी की प्रतिक्रिया ,उम्मीद करते हैं कि मौलिक अधिकारों को ध्यान रखा जाएगा: जर्मनी जर्मनी सरकार की इस बयान पर भारत की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

अमेरिका ने कही ये बात

जर्मनी से पहले अमेरिका ने भी राहुल गांधी मामले पर प्रतिक्रिया दी थी. राहुल गांधी के मामले पर अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि कानून और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है। भारतीय अदालतों में चल रहे राहुल गांधी के मामलों पर हमारी नजर है।

क्या है पूरा मामला?

सूरत की एक सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को 2019 में कर्नाटक में एक चुनाव प्रचार रैली के दौरान ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर मानहानि केस में 23 मार्च को दो साल कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ सूरत पश्चिम से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस दर्ज कराया था। दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता को रद्द कर दी। राहुल गांधी केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से सांसद थे।

 

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