सरकार को समाजवादी सिद्धांत को समझना होगा,रामराज्य बिना समाजवाद के नहीं आ सकता:अखिलेश

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने नीति आयोग के आंकड़ों के हवाले से विकास की दिशा में उत्तर प्रदेश को बहुत पीछे करार देते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास या राम राजघ्य, बिना समाजवाद के संभव नहीं है। मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद वित्तीय वर्ष 2023—24 के बजट प्रावधानों पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार का यह सातवां बजट है और हर साल सरकार ऐतिहासिक और सबसे बड़ा बजट पेश करने का दावा करती है। लेकिन इतने बजट पेश करने के बाद भी उप्र ​की स्थिति कई मानकों पर अभी सुधरी नहीं है। यादव ने नीति आयोग के आंकड़े गिनाये और कहा पूरे देश और उप्र की जनता को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का सपना दिखाया जा रहा है।

सरकार अगर यह सपना देख रही है तो उसे नीति आयोग की ​सतत विकास लक्ष्य की रिपोर्ट देखनी चाहिए कि उसमें उप्र की क्या स्थिति है। उन्होंने नीति आयोग की 2020—21 की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि रिपोर्ट में गरीबी की रेखा से नीचे वाले 28 राज्यों की सूची में उप्र नीचे से चौथे नंबर पर है। भुखमरी समास करने में उप्र पांचवें नंबर पर है। गुड हेल्थ में नीचे से दूसरे नंबर पर है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में 18 वें नंबर पर है। उन्होंने इन आंकड़ों के जरिये सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,सरकार को समाजवादी सिद्धांत को समझना होगा। सबका साथ,सबका विकास या राम राज्घ्य बिना समाजवाद के संभव नहीं है। यादव ने 2003—24 को दिशाहीन बताते हुए ​कहा कि इसमें न वर्तमान की समस्याओं का समाधान है और न ही भविष्य का रास्ता है।

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने वादा किया था कि किसानों की आय दोगुनी होगी लेकिन उस वादे का कोई भविष्य अभी तक नजर नहीं आया है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार ने 22 फरवरी को वित्त वर्ष 2023—24 के लिये विधानसभा में छह लाख 90 हजार 242 करोड़ रूपये का बजट में 32 हजार 721 करोड़ 96 लाख रूपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं।

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