भारतीय सुधार लें अपनी ये आदतें कहीं भी किसी को आ जा रहा है हार्ट अटैक
स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता
Heart Attack: लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतें डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और बैड कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों को जन्म देती हैं जिनसे आगे चलकर हार्ट डिसीस और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है कुछ महीनों के अंदर हार्ट अटैक से हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई है पिछले कुछ महीनों में हार्ट अटैक से मौत के मामलों में तेज इजाफा हुआ है डराने वाली बात ये है कि हार्ट अटैक से अचानक जान गंवाने वाले लोगों में ज्यादातर युवा थे तेलंगाना के नांदेड़ में डांस करते-करते एक युवक की अचानक मौत हो गई यह घटना 25 फरवरी की है. लड़के की उम्र महज 19 साल थी तेलंगाना में एक हफ्ते में हार्ट अटैक से मौत की यह चौथी घटना थी इससे पहले 22 फरवरी को हैदराबाद के एक जिम में वर्कआउट के दौरान एक पुलिस कॉन्स्टेबल की हार्ट अटैक से मौत हो गई
हार्ट अटैक देश में पिछले कुछ महीनों से संक्रमण की तरह बढ़ रहा है
रिपोर्ट्स बताती हैं कि देश में पिछले दो महीनों में दिल की बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या में करीब 20 फीसदी तक इजाफा हुआ है यहां सवाल यह उठता है कि 18 से 40 साल की उम्र के आसपास के लोगों में अचानक से हार्ट अटैक की घटनाएं इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही हैं.बुजुर्ग, टीनएज बच्चे, पहलवान, कसरती बदन वाले नौजवान भी आखिर क्यों हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं
हार्ट डिसीस युवाओं के बीच इन वजहों से बढ़ रही
मध्य प्रदेश के इंदौर में हाल ही में युवाओं के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया कि सिर्फ इसी शहर में 18 साल से ऊपर से 48 प्रतिशत युवाओं में कोई ना कोई ऐसी बीमारी पाई गई जो दिल की सेहत के लिए ठीक नहीं हैं. एक लाख लोगों पर किए गए इस सर्वे में 48 हजार लोग ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां आगे चलकर हार्ट डिसीस और हार्ट अटैक का कारण बन सकती हैं.
चौंकाने वाले नतीजे दिल की बीमारियों पर
इंडियन हार्ट एसोसिएशन (IHA) के मुताबिक, नौजवानों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को ज्यादा हार्ट अटैक आ रहे हैं. मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, तनाव, कोलेस्ट्रॉल जैसे फैक्टर्स इसके लिए जिम्मेदार हैं. 50 साल से कम उम्र डायबिटीज, तनाव, कोलेस्ट्रॉल जैसे फैक्टर्स इसके लिए जिम्मेदार हैं 50 साल से कम उम्र के 50 फीसदी लोगों में हार्ट डिसीस और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है और 40 से कम उम्र के 40 प्रतिशत लोगों में हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ गया है।
सेंट्रल लैब की डायरेक्टर विनीता कोठारी आजतक को बताती हैं इस सर्वे में शामिल हुए 17 प्रतिशत लोग कोलेस्ट्रॉल, 9.8 डायबिटीज और बाकी किडनी और लिवर से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे थे खराब जीवनशैली और खानपान भी दिल के रोग और हार्ट अटैक का बड़ा कारण है
दिल की बढ़ती बीमारियों के पीछे क्या कोरोन जिम्मेदार है
हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे कई लोग कोरोना महामारी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं हालांकि दुनिया भर के कई देशों में पोस्ट कोविड से लोगों की सेहत पर पड़ने वाले असर पर कई स्टडीज चल रही हैं. कई जानकारों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के बाद लोगों के शरीर में खून का थक्का बनने की संभावनाएं भी बढ़ी हैं इसके प्रभावों को लेकर भी कई रिसर्च की जा रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि दिल की बढ़ती बीमारियों के पीछे कोरोना का कोई कनेक्शन तो नहीं है।
अमेरिका के सिएटल की यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन में भी कोरोना के बाद बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों पर अध्ययन किया जा रहा है। एक स्टडी के मुताबिक, अमेरिका में भी कोविड के बाद हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ी हैं. कोविड के बाद 2020 में दिल का दौरा पड़ने से 44 हजार घटनाएं दर्ज की गईं जो बढ़कर 2021 में 66 हजार हो गईं यानी एक साल में दिल के दौरे की घटनाएं आठ प्रतिशत तक बढ़ी हैं जो अपने आप में हैरान करने वाला आंकड़ा है।
हार्ट अटैक के सबसे आम लक्षणों को पहचानें
हार्ट अटैक के सबसे आम लक्षणों में सीने में बेचैनी, दिल को निचोड़ने जैसा दर्द शामिल है जो कुछ मिनटों से 15 मिनट तक रह सकता है हालांकि, हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं पीठ, गर्दन, पेट में दर्द, ठंडा पसीना आना, मतली-उलटी, चक्कर, चिंता, अपच, थकान जैसे लक्षण भी हार्ट अटैक आने से पहले और उस दौरान महसूस हो सकते हैं. पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हार्ट अटैक आने पर गर्दन, कंधे, पीठ के ऊपरी हिस्से या पेट में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
हार्ट अटैक आने पर क्या करना चाहिए
अगर कोई दिल की बीमारियों से पीड़ित है और उसे हार्ट अटैक आता है या अचानक किसी को हार्ट अटैक का अनुभव होता है तो तुरंत मेडिकल हेल्प के लिए कॉल करें आसपास के लोगों से मदद लें. इसके अलावा जब तक आपके पास इमरजेंसी मेडिकल हेल्प नहीं पहुंच जाती तब तक आप एक एस्पिरिन की गोली को अपने मुंह में रखें और उसे चबाएं एस्पिरिन लेने से आपकी धमनियों के अंदर बनने वाले रक्त के थक्के को तोड़ने में मदद मिल सकती है जो दिल के दौरे के दौरान धमनी में रक्त के प्रवाह को रोकता है डॉक्टर इसे निगलने के बजाय चबाने की सलाह देते हैं ताकि यह आपके सिस्टम में तेजी से प्रवेश कर सके।
मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर किसी को हार्ट अटैक आए तो उसे तुरंत CPR देना चाहिए अगर मरीज को सही से सीपीआर दिया जाए तो इससे काफी हद तक मरीज की जान बचाई जा सकती है. इस प्रक्रिया में मरीज को सीधे लिटाकर उसके दिल को इतनी जोर से दबाया जाता है ताकि रक्त संचार दोबारा हो सके।