देहरादून स्कूल संचालक के घर में दिनदहाड़े बोला धावा, पांच बदमाश गिरफ्तार
स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता
देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्कूल संचालक के घर 11 अप्रैल को हुई लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पैसों के लालच में यूपी के रहने वाले युवक ने विश्वास को तोड़कर चूर-चूर कर दिया। उसकी इस शर्मनाक करतूत से पुलिस भी दंग रह गई है। आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर अपने चचेरे भाई के पर डकैती को अंजाम दिया।
पैसों के लालच में यूपी के रहने वाले युवक ने विश्वास को तोड़कर चूर-चूर कर दिया। उसकी इस शर्मनाक करतूत से पुलिस भी दंग रह गई है। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपने चचेरे भाई के घर डकैती को अंजाम दिया। डकैती में उसके साथ चार और लोगों ने उसका साथ दिया। डकैती करने के लिए आरोपियों ने एक राज्य से जाकर दूसरे राज्य में आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया। यूपी के मुजफ्फरनगर से आए डकैतों ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में घटना को अंजाम दिया था। देहरादून पुलिस ने महज चार दिन के अंदर घटना का खुलासा करते हुए पांच डकैतों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
में ही खुलासा कर दिया था। नेहरू कॉलोनी में स्कूल संचालक के घर पांच बदमाशों ने डाका डाला था। इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें स्कूल कर्मचारी का चचेरा भाई शामिल है। उसने ही स्कूल संचालक के परिवार की जानकारी जुटाई थी वारदात से पहले एक और 10 अप्रैल को आरोपी मौके पर पहुंचे थे, लेकिन तब वे कामयाब नहीं हो सके थे। इसके बाद 11 अप्रैल को डकैती डाली गई। पुलिस ने पहले लूट का मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन खुलासे के बाद इसे डकैती में तरमीम कर दिया गया।
डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने अपने कार्यालय में यह खुलासा किया। 11 अप्रैल को संदीप अग्रवाल पुत्र विनोद अग्रवाल निवासी ब्लॉक-सी नेहरू कॉलोनी के घर डकैती हुई चार बदमाश घर में घुसे थे, पांचवें ने बाहर निगरानी की घर में घुसे डकैतों ने संदीप की मां सुनीता, पिता विनोद और बहन रश्मि से गहने और नगदी लूटी।
जबकि, संदीप की पत्नी निमिषा ने प्रथम तल में खुद को बंद करके बचाया। 10 मिनट में वारदात अंजाम देकर बदमाश फरार हो गए थे। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने स्कूटर-बाइक की नंबर प्लेट काले रंग के टेप से ढकी थी। सीसीटीवी फुटेज जांचने पर सामने आया कि इस वारदात से पहले भी रेकी हुई। इसके जरिए आरोपियों के वाहनों के नंबर मिले और वे गिरफ्त में आ गए।
खुलासा करने वाली टीम इंस्पेक्टर एसओजी मुकेश त्यागी, एसओ नेहरू कॉलोनी लोकेंद्र बहुगुणा, फव्वारा चौक चौकी इंचार्ज बलवीर डोभाल, जोगीवाला चौकी इंचार्ज पंकज तिवारी, बाईपास चौकी •इंचार्ज देवेश खुगशाल डिफेंस कॉलोनी चौकी इंचार्ज सतबीर विष्ट, एसआई हर्ष अरोड़ा, दीपक धारीवाल, अमित ममगाई, सिपाही श्रीकांत ध्यानी, आशीष राठी, बृजमोहन, ललित, आशीष, किरन, देवेंद्र, पंकज, विपिन राणा, अमित, कमल जोशी, सोनी शामिल रहे।
गहनों के साथ तमंचा और चाकू बरामद डीआईजी के अनुसार, डकैती में एसओजी और नेहरू कॉलोनी पुलिस की संयुक्त टीम ने विपिन, विकास, सचिन और अंकित निवासी पर्चेडाकला नई मंडी मुजफ्फरनगर यूपी और विकास जायसवाल हाल निवासी ऋषिकेश मूल निवासी अमर कॉलोनी ईस्ट गोकुलपुर दिल्ली को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों से डकैती के सभी गहने, तमंचा और चाकू बरामद किए। पुलिस टीम को आईजी रेंज करन सिंह नगन्याल ने 50 हजार और डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने 20 हजार का नगद इनाम देने की घोषणा की।
विपिन ने बनाई थी डकैती की योजना
डीआईजी के अनुसार, संदीप के सेंट एनीस स्कूल में गुड्डु कर्मचारी है। उसके पास गांव से चचेरा भाई विपिन अक्सर आता था। उसने कई बार मिलने के बाद संदीप के बारे में जानकारी जुटाई। उसे पता चला कि मौजूदा समय में स्कूल का दाखिला सीजन चल रहा है और घर में काफी शादी हो सकती है। इस पर उसने चार साथियों संग वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई और गुड्डू को इसकी भनक तक लगने नहीं दी। संदीप की पत्नी ने गुड्डू को किया पहला फोन कर्मचारी गुड्डू स्कूल संचालक संदीप अग्रवाल के परिवार का विश्वास पात्र है। अक्सर विभिन्न आयोजन
और कामकाज के लिए वह संदीप के घर आता-जाता रहा है। स्कूल परिसर में उसे दो कमरे दिए गए हैं। जब घर में बदमाश घुसे तो प्रथम तल पर मौजूद संदीप की पत्नी ने सबसे पहले गुड़ को फोन किया था। इसके बाद वारदात की जानकारी पुलिस तक पहुंची थी।