उत्तर प्रदेश में 10वीं पास के लिए मैत्री टेक्निशियन की 2000 भर्ती

उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद् ने मैत्री (मल्टीपरपज एआई टेक्निशियन इन रूरल इण्डिया) के पदों पर 2000 भर्ती निकाली है। 

स्टार एक्सप्रेस

डेस्क. उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद् ने मैत्री (मल्टीपरपज एआई टेक्निशियन इन रूरल इण्डिया) के पदों पर 2000 भर्ती निकाली है। राज्य के 75 जिलों के लिए यह भर्ती अभियान शुरू किया गया है। इच्छुक उम्मीदवार 10 जून 2022 तक आवेदन कर सकता है। रिक्त पदों में ओबीसी के 1400 पद, एससी के 500 और एसटी के 100 पद आरक्षित हैं। आवेदन व और अधिक जानकारी के लिए https://maitriupldb.in व upldb.up.gov.in प जा सकते हैं।

कौन हैं मैत्री

पशुपालकों के द्वार पर गुणवत्तायुक्त पशु प्रजनन सुविधाएं समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराने में मैत्री की अहम भूमिका है। भारत सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजनान्तर्गत उत्तर प्रदेश में जनपद स्तर से मैत्री का चयन कर पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान आच्छादन को बढाया जाना है।

योग्यता :

– शैक्षिक योग्यता : अनिवार्य न्यूनतम अर्हता हाईस्कूल (विज्ञान वर्ग) उत्तीर्ण हो, इण्टर (जीव विज्ञान) वरीयता दी जायेगी।
– आवेदक चयनित क्षेत्र की ग्राम पंचायत का निवासी हो।
– पूर्णतः स्वस्थ एवं कार्य करने के योग्य हो। पशुपालक के द्वार पर पहुँच कर सेवा कर सके।

राजकीय चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त स्वास्थ्य प्रमाण -पत्र अपलोड करना अनिवार्य है।
– वोटर आईडी कार्ड/आधार कार्ड/पैन कार्ड आदि अन्य फोटो युक्त आईडी जो निर्वाचन आयोग से अनुमन्य है अपलोड करना अनिवार्य है।
– प्रवासी श्रमिकों/पशु सखी/प्रशिक्षित पैरावेट को वरीयता दी जायेगी।

आयु सीमा

आवेदक की आयु दिनांक 01.04.2022 को 18 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य हो।

यह योजना पूर्णतः स्वरोजगार सृजन की अवधारणा पर आधारित है। आवेदक को किसी भी स्थिति में शासकीय सेवा में संविलियन का कोई अधिकार नहीं होगा। चयनित अभ्यर्थी को 35 दिनों का सैद्धान्तिक प्रशिक्षण एवं 55 दिनों का व्यावहारिक प्रशिक्षण कराया जायेगा। चयनित अभ्यर्थी को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरान्त मैत्री (मल्टीपरपज एआई टेक्निशियन इन रूरल इण्डिया) के रूप में कार्य करने हेतु प्रमाण-पत्र, बायोलॉजिकल कण्टेनर्स तथा एआईकिट आदि उपलब्ध कराए जायेगें।

 

चयनित अभ्यर्थियों को चयनोपरान्त इस आशय का शपथ-पत्र देना होगा कि वे एक स्वरोजगारी के रूप में कार्य करेगें। सरकारी सेवा में किसी भी स्थिति में संविलियन का कोई अधिकार नहीं होगा तथा इसके लिए कभी दावा नहीं करेगें।

 

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