विश्व सर्प जागरूकता दिवस 11 अप्रैल पर विशेष

घर और स्कूल को साफ रखें सर्पमित्र - डॉ० त्रिपाठी

स्टार एक्सप्रेस संवाददाता

इटावा। होलिका दहन के बाद से तेजी से तापमान बदलता है धरती की सतह के तापमान को अपने विशेष संवेदी अंगों से भांपकर विभिन्न प्रकार के सर्प खेतों या खाली बेकार पड़ी जगह पर बने अपने बिलों को छोड़कर जमीन से बाहर आने लगते है। यही कारण है कि गर्मी शुरू होते ही हमारे आस पास विभिन्न प्रकार के सर्पों की हलचल अक्सर बढ़ जाती है। लेकिन हर एक सर्प को देखकर हम सबको कभी घबराना भी नहीं चाहिए।

सभी सर्प जहरीले भी नहीं होते

लेकिन एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या हमारे आस पास दिखने वाले सभी सर्प जहरीले ही होते है? तो इसका जवाब है बिलकुल भी नहीं। क्यों कि,हमारे पूरे भारत में सिर्फ बिग फोर प्रजाति के 4 मुख्य सर्पों में कोबरा,करैत,रसल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाइपर को छोड़कर सभी सर्प विशेष जहरीले भी नही है अतः इनसे डरने या इन्हे अपने आस पास देखकर बेवजह घबराने या शोर मचाने की आवश्यकता भी नही है।

अब यदि वर्ष भर का विश्लेषण करें तो आप देखेंगे कि जनपद इटावा में जहरीले सर्पों की प्रजाति में (शहरी क्षेत्र में) सिर्फ सर्प कोबरा और करैत सर्प ही मौजूद है जिनमे स्पेक्टिकल कोबरा से करैत सर्प की संख्या कुछ कम देखी गई है ।

अब एक महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि,कोबरा,करैत या फिर रसल वाइपर (इटावा के चम्बल क्षेत्र में पाया जाने वाला खतरनाक सर्प) या कोई सॉ स्केल्ड वाइपर (इटावा में न के बराबर दिखाई देने वाला छोटा सर्प) किसी को कभी काट ले तो उस समय हमे सबसे पहले क्या करना चाहिए ? कोबरा,करैत या किसी वाइपर के काटने पर सिर्फ एंटीवेनम इंजेक्शन से ही उपचार सफल होता है
झाड़ फूंक से सिर्फ मौत ही मिलती है।

सिर्फ यह करना है

सबसे पहले सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति या महिला के हाथ या पैर में हल्का बन्ध कलाई या कोहनी के ऊपर लगाकर पैर हो तो एड़ी और घुटने के ऊपर बांध दें फिर उसे बाई करवट लिटाकर बिना हिले डुले सीधे बिना किसी देरी किए जिला चिकित्सालय (मोती झील अस्पताल इटावा) के कमरा नंबर तीन में ले जाएं और चिकित्सक के अनुसार एंटीवेनम से ही उपचार कराएं।
याद रहे विषहीन सर्पों के काट लेने पर एंटीवेनम नहीं दिया जाता है। सर्पों की सही पहचान करने के लिए इमरजेंसी वार्ड के कमरा नम्बर 3 में सर्पदंश पहचान का एक विशेष पोस्टर भी संस्था ओशन द्वारा लगाया गया है।

झाड़ फूंक से जाए जान, एंटीवेनम ही बचाये प्राण

खतरनाक बिग फोर सर्पों की प्रजाति में से किसी के भी काटने के बाद किसी भी अपने जानने वाले या अंधविश्वास में डूबे व्यक्ति के जोर देकर कहने या बरगलाने पर किसी भी गांव के ओझा व भगत से कोबरा करैत के दंश से पीड़ित व्यक्ति की झाड़ फूंक कराने पर 100 प्रतिशत मौत होती है अतः अपने विवेक का सही प्रयोग करें।

क्या मानना है सर्प विशेषज्ञों का

सर्प दंश जागरूकता विषय पर जनपद इटावा में विगत 7 वर्षों से रेस्क्यू के साथ साथ जागरूकता का महत्वपूर्ण कार्य कर रही संस्था “ओशन” महासचिव, मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव एवम सर्प विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ० आशीष त्रिपाठी का कहना है कभी भी सर्पदंश होने की दशा में अपने परिजनों की अमूल्य जान किसी भी अंधविश्वास में पड़कर मत गंवाईये क्यों कि,आपके परिजनों का जीवन अमूल्य है और सर्पदंश के केस में रोगी को समय से एक घण्टे के अंदर ही इलाज मिलना सबसे आवश्यक विषय होता है।

अतः सर्प के काट लेने पर कृपया इधर उधर न भटकें बल्कि,सीधे जिला अस्पताल जाकर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में ही अपना इलाज करवाये और सुरक्षित रहें।

सर्पों को क्यों न मारे यह

सर्प पृथ्वी पर करोड़ों वर्षों से हम सबके साथ रहते चले आए है और वे सिर्फ हमारे आपके घरों और खेतों में घूमने वाले चूहों को ही खाने के लिए आते है। अब यदि आप खाद्य श्रृंखला को समझे तो देखेंगे कि,चूहे सर्पों का मुख्य भोजन भी है। और चूहे हमारे अनाज,कपड़े, किताबें,सामान आदि का बड़ा नुकसान करते है।

किसानों के खेतों में घुसे चूहे फसल की उत्पादकता को घटा देते है जिन्हें केवल सर्प ही खाकर प्रकृति में प्राकृतिक रूप से कंट्रोल कर सकते है।

इसलिए कृपया सर्पों को बिलकुल भी न मारें,और हां सर्प कभी भी आप पर हमला नहीं करते है न ही काटते है जब तक की आप उन्हें वेवजह परेशान न करें या उनपर पैर न रखें।

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