वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे : जानें कौन कर सकता है ऑर्गन डोनेट और कौन नहीं?
स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : विश्वभर में हर साल 13 अगस्त को वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे मनाया जाता है। ऑर्गन डोनेशन डे को मनाने के पीछे का उद्देश्य अंगदान के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करके उसका संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित करना भी है। नेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक भारत में हर साल 5 लाख लोगों की मौत समय पर ऑर्गन नहीं मिलने की वजह से होती है। जबकि कहा जाता है कि एक इंसान अपने ऑर्गन डोनेट कर 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है।
दुनिया का पहला अंगदान साल 1954 में किया गया था। रोनाल्ड ली हेरिक नाम के एक व्यक्ति ने अपने जुड़वां भाई को साल 1954 में अपनी एक किडनी दान की थी। सबसे पहली बार उनका यह किडनी ट्रांसप्लांट डॉक्टर जोसेफ मरे ने किया। जिसके लिए 1990 में डॉक्टर जोसेफ मरे को फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार भी मिला था।
डॉक्टर सुदीप सिंह सचदेव, सीनियर कंसल्टेंट एंड क्लीनिकल लीड, नेफ्रोलोजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट, नारायणा सुपरस्पेशेलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम के अनुसार, एक जीवित व्यक्ति अपनी दो में से एक किडनी और लिवर का कुछ हिस्सा डोनेट कर सकता है जबकि हृदय एक ब्रेन डेड डोनर से लिया जा सकता है। ऐसे केसज जिनमें ब्रेन डेड मरीज़ हो और हृदय का संचालन सही से हो रहा हो ऐसी स्थिति में सभी दिशा निर्देशों के साथ हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए निश्चित रूप से विचार किया जाना चाहिए।
जीवित व्यति से अंग दान की बात करें तो एक अध्ययन के अनुसार तकरीबन 2 लाख मरीज़ों को किडनी की जरूरत है लेकिन इस संख्या के मुक़ाबले केवल 1684 किडनी ही प्रत्यारोपण के लिए उपलब्ध हैं। हमें ज़्यादा से ज़्यादा अंगदान को प्रोत्साहित करना चाहिए। यह एक भ्रम है कि एक किडनी दान करने के बाद आप स्वस्थ जीवन नहीं जी सकते, स्वस्थ जीवनशैली के साथ एक किडनी पर सामान्य जीवन बिताया जा सकता है।
अगर आप 18 साल के हैं या उस से अधिक उम्र के हैं तो अंग दान के लिए रजिस्ट्रेशन आप अपनी मर्जी से करवा सकते हैं। लेकिन यदि कोई 18 वर्ष से कम आयु का है, तो उसे अंगदान करने के लिए माता-पिता या अभिभावक की सहमति की आवश्यकता होती है। अगर आप मृत्यु के बाद अंगदान के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो उस व्यक्ति का पहले चेकअप किया जाएगा। ताकि ट्रांसप्लांट करने वाली टीम पता लगा सके कि शख्स के कौन से अंग दान किए जा सकते हैं।
अंग दान हर व्यक्ति नहीं कर सकता है। कुछ विशिष्ट स्थितियों से पीड़ित होने पर व्यक्ति अपना अंग दान नहीं कर सकता है। उदाहरण के लिए यदि कोई डोनर किसी क्रोनिक डिजीज जैसे कैंसर, एचआईवी, फेफड़े या फिर हार्ट डिजीज से ग्रस्त हो तो वो अंग दान नहीं कर सकता है। किडनी प्रत्यारोपण की यदि बात करें तो डाईबिटीज़, अनियंत्रित बीपी, कैंसर आदि की समस्या से जूझ रहे लोग किडनी दान नहीं कर सकते।
आमतौर पर,इन अंगों को प्रत्यारोपित (transplanted) किया जा सकता है- किडनी, हार्ट, लिवर, अग्न्याशय, आंत, फेफड़े, हड्डियां, अस्थि मज्जा, त्वचा और कॉर्निया। आंकड़ों के अनुसार, एक अंग दाता जिसके अंग अच्छी तरह से काम कर रहे हों, वे अपने जीवनकाल में 8 से ज्यादा लोगों को अंग दान करके उनकी जान बचा सकता है।
अंग दान करने से पहले जरूर पता होनी चाहिए ये बातें-
-अपने किसी भी अंग को डोनेट करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि जीवित डोनर का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए।
-अंग दान करने वाले व्यक्ति की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। अगर उम्र 18 साल से कम है तो उसके अभिभावक की सहमति भी जरूरी है।
-डोनर को ऑर्गन डोनेट करने की इच्छा होनी चाहिए। यह काम मजबूरी समझकर ना करें।
-डोनर को रिस्क, फायदे, संभावित परिणामों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।