लखनऊ. हड्डी व दांतों की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर, सस्ती मिलेंगीं 70 फीसदी दवाएं

स्टार एक्सप्रेस

लखनऊ केजीएमयू में हड्डी व दांतों की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब इन विभाग के मरीजों को सस्ती दर पर दवाएं व इम्प्लांट मिल सकेंगे। हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के मेडिकल स्टोर से इन विभागों के मरीजों को सस्ती दवाएं व इप्लांट मिलेंगे।

केजीएमयू में करीब 4500 बेड हैं। इस समय ओपीडी में करीब तीन से चार हजार मरीज आ रहे हैं। सामान्य दिनों की ओपीडी में आठ से 10 हजार मरीज रोज आते थे। कोविड की वजह से ओपीडी में मरीजों की संख्या घटी है। धीरे-धीरे मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। केजीएमयू के हड्डी रोग व दंत संकाय के नौ विभागों में रोजाना करीब 400 से 500 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। अभी इन मरीजों को सस्ती दवा का फायदा नहीं मिल पा रहा है।

जल्द मरीजों को मिलेगी सुविधा

एचआरएफ के प्रमुख डॉ. एचएस पाहवा ने बताया कि अब तक हम पीजीआई के रेट कान्ट्रेक्ट (आरसी) पर ही दवाएं खरीद पा रहे हैं। पीजीआई में हड्डी व दंत संकाय का संचालन नहीं हो पा रहा है। लिहाजा, वहां की आरसी में इन विभागों की दवाएं भी नहीं है। प्राथमिकता की तौर पर इन विभागों के लिए आरसी तैयार की जा रही है। इन विभागों के डॉक्टरों की मांग के अनुसार दवाओं का ट्रेंडर जारी कर दिया गया है। प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। नतीजतन इन विभाग के मरीजों के लिए दवाएं व इम्प्लांट भी खरीद सकेंगे। केजीएमयू कंपनियों से सीधे अपनी दरों पर दवा खरीदेंगे।

गरीब मरीजों को होगा फायदा

डॉ. एचएस पहवा के मुताबिक मरीजों को 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर नामचीन कंपनी की दवाएं मिल सकेंगी। कुछ इम्प्लांट की उपलब्धता भी कराई जा रही है। बाकी इम्लांट भी मरीजों को मुहैया कराने की प्रक्रिया चल रही है। इससे गरीब मरीजों को फायदा होगा।

क्वीन मेरी में जल्द खुलेगा स्टोर

क्वीन मेरी में अमृत फार्मेसी का स्टोर खाली हो गया है। इसकी चाबी संस्था ने अधिकारियों को सौंप दी है। अब जल्द ही यहां सस्ती दवाएं मिलेगी। इसके लिए एचआरएफ का मेडिकल स्टोर खोला जाएगा। अधिकारियों ने एक से दो हफ्ते में स्टोर खुलने की उम्मीद जाहिर की है। इससे गर्भवती महिलाओं को इलाज हासिल करने में सहुलियत होगी। अभी गांधी वार्ड, शताब्दी, जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक, लारी, मानसिक समेत दूसरे विभागों में एचआरएफ के स्टोर का संचालन हो रहा है।

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