भड़की मामता, गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियो को समय न देना अपमानजनक

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी पर नियंत्रण को लेकर 10 राज्यों के 54 जिले के कलेक्टरों के साथ वर्चुअल बैठक की। उनकी बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं, लेकिन उनके राज्य का कोई भी कलेक्टर शामिल नहीं हुआ। मोदी की बैठक के बाद ममता ने प्रेस कांफ्रेंस कर नाराजगी जाहिर की।

 

 

उन्होंने कहा कि बैठक में 10 राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे, लेकिन किसी को बोलने नहीं दिया गया। ये अपमानजनक है। ममता ने प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मीटिंग में सभी मुख्यमंत्री शांत बैठे रहे, किसी ने भी कुछ नहीं कहा। हमें बंगाल के लिए 3 करोड़ वैक्सीन की मांग करनी थी, लेकिन बोलने ही नहीं दिया गया।

 

 

केंद्र से हमें इस महीने 13 लाख ही वैक्सीन मिली हैं, जबकि 24 लाख की सप्लाई की जानी थी। उन्होंने कहा कि वे मीटिंग में बतौर सीएम मोजूद थीं, इसलिए कलेक्टरों को शामिल नहीं होने दिया गया। बैठक में मोदी ने कहा, पिछली महामारी हो या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है कि इससे डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर इनोवेशन जरूरी है।

 

 

उन्होंने आगे कहा कि ये वायरस म्यूटेंट होने में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और स्ट्रेटजी भी डायनेमिक होनी चाहिए। दूसरी लहर के बीच वायरस म्यूटेंट की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है। आपने जिस तरह से फील्ड पर काम किया है, इससे चिंता को गंभीर होने से रोकने मदद तो मिली है, लेकिन हमें आगे के लिए तैयार रहना होगा।

 

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक विषय वैक्सीन वेस्टेज का भी है। एक भी वैक्सीन वेस्टे होने का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं मिल पाना। इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है। फील्ड में किए गए आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक से ही प्रैक्टिकल और असरदार योजनाएं बनाने में मदद मिलती है।

 

 

टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और कई स्टेकहोल्डर से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो या कालाबाजारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने और आगे बढ़ने के लिए जरूरी है।

 

 

प्रधानमंत्री ने झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, ओडिशा, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और पुडुचेरी के कई जिलों के कलेक्टरों से चर्चा की। इससे पहले च्डव् की तरफ से मीटिंग को लेकर राज्यों के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक (क्ळच्) को पत्र लिखकर जानकारी दे दी गई थी। पीएम की बैठक से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस मामले में राज्यों से प्रजेंटेशन मांगा था।

 

 

इससे पहले 18 मई को 9 राज्यों के 46 जिलों के कलेक्टरों के साथ पीएम मोदी वर्चुअल मीटिंग कर चुके हैं। इस मीटिंग में उन्होंने कहा था कि जब एक जिला जीतता है, तभी देश जीतता है। हमारे देश में जितने जिले हैं, उतनी ही अलग-अलग चुनौतियां हैं। इस दौरान उन्होंने जिले में लोकल कन्टेनमेंट जोन, एग्रेसिव टेस्टिंग और लोगों तक सही और पूरी जानकारी पहुंचाने पर जोर दिया था।

 

 

उन्होंने साथ ही कहा था कि जिले के अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध हैं? कहां उपलब्ध हैं? इस तरह की जानकारी देने से लोगों की सहूलियत बढ़ती है। साथ ही उन्होंने कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए भी सख्त निर्देश दिए थे।

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