पंचायत चुनावः आदर्श आचार संहिता का पालन अनिवार्य

लखनऊ ()। राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। यह अधिसूचना जारी होने के समय से मानी जाएगी और निर्वाचन प्रक्रिया के समाप्त होने तक समस्त पंचायत क्षेत्रों में लागू रहेगी।
आयोग से जारी निर्देशों के मुताबिक, सामान्य आचार संहिता का सभी उम्मीदवार/उनके प्रतिनिधि निर्वाचन के दौरान निम्नलिखित निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे, ऐसा कोई कार्य लिखकर, बोलकर अथवा किसी प्रतीक के माध्यम से नहीं करेंगे जिससे किसी धर्म (मजहब), सम्प्रदाय, जाति या सामाजिक वर्ग एवं राजनीतिक दल/उम्मीदवार/राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भावना आहत हो, या उससे विभिन्न वर्गों/दलों व्यक्तियों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो। किसी भी उम्मीदवार की आलोचना उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पूर्व के इतिहास व कार्य के सम्बन्ध में ही की जा सकती है। किसी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन से सम्बन्धित पहलुओं पर आलोचना नहीं की जाएगी। मत प्राप्त करने के लिए जातीय, साम्प्रदायिक और धार्मिक भावना का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सहारा नहीं लिया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने मंगलवार को बताया कि पूजा स्थलों जैसे मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर व गुरूद्वारा आदि का उपयोग निर्वाचन में प्रचार हेतु तथा निर्वाचन संबंधी अन्य कार्यों हेतु नहीं किया जाएगा। सभी उम्मीदवार ऐसे कार्यों से अलग रहेंगे जो निर्वाचन विधि के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण/अपराध माने गए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि सभी उम्मीदवार/इलेक्शन एजेण्ट चुनाव प्रचार के दौरान निम्नलिखित निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। किसी अन्य उम्मीदवार या उसके समर्थक का पुतला लेकर चलने, उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर जलाने अथवा इस प्रकार के अन्य कृत्य व प्रदर्शन नहीं करेंगे, न ही इसका समर्थन करेंगे।
विज्ञापन को लेकर भी नियम सख्त
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि टीवी चैनल/केबिल नेटवर्क/वीडियो वाहन अथवा रेडियो से किसी भी प्रकार का विज्ञापन/प्रचार जिला प्रशासन की अनुमति के पश्चात् ही कर सकेंगे। कोई भी मुद्रक या प्रकाशक या कोई व्यक्ति ऐसी कोई निर्वाचन/प्रचार सामग्री जिसके मुख पृष्ठ पर उसके मुद्रक व प्रकाशक का नाम और पता न हो, मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा और न ही मुद्रित या प्रकाशित कराएगा। मुद्रण के अन्तर्गत फोटोग्राफी भी सम्मिलित होगी। किसी व्यक्ति द्वारा प्रत्याशियों की अनुमति के बिना उनके पक्ष में निर्वाचन विज्ञापन या प्रचार सामग्री प्रकाशित नहीं कराई जाएगी।

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