सपा का सदन से वॉकआउट, अखिलेश समेत सभी विधायक पैदल पहुँचे पार्टी कार्यालय

स्टार एक्सप्रेस/ संवाददाता

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के विधायकों ने उत्तर प्रदेश सरकार पर महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और खराब कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं करने का आरोप लगाते हुए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में विधान भवन से पार्टी कार्यालय तक पैदल मार्च किया। सपा ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सदन सहमति के बजाय तानाशाही से चलाना चाहती है जो कि संविधान सम्मत नहीं है।


सपा विधायक विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद सदन से वॉकआउट कर गए और पार्टी कार्यालय की तरफ पैदल रवाना हुए।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पदयात्रा के बाद पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि सरकार सदन में मूलभूत मुद्दों पर चर्चा से भागने की कोशिश कर रही है।

अखिलेश ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर कहा कि आखिरकार गरीब बच्चे पढ़ाई के लिए इतनी ज्यादा फीस कैसे दे पाएंगे।

उन्होंने कहा, सरकार स्पष्ट करे कि महिलाओं की सुरक्षा कैसे होगी, क्योंकि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो और महिला आयोग के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध उत्तर प्रदेश में ही होते हैं। प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।

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अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर जवाब नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, “सरकार बताए कि उसने महंगाई पर काबू पाने के लिए क्या किया है, रोजगार देने के लिए क्या ठोस कदम उठाए हैं, कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए क्या ठोस कदम उठाए हैं, निवेश के बड़े-बड़े सपने दिखाए, एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना देख रहे हैं, उसे पूरा करने के लिए क्या कदम उठाए हैं।”

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया, “सरकार सदन की कार्यवाही को लंबे समय तक नहीं चलने देना चाहती। वह चार दिन में ही मॉनसून सत्र को क्यों समाप्त कर रही है। तमाम मंत्री अपने बजट की जानकारी देना चाहते हैं। हम उनसे पूछना चाहते हैं कि आखिर उन्होंने कौन-कौन से काम किए हैं। अभी तक जिलों में बजट नहीं पहुंचा है।”

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