कर्नाटक में भाजपा के नेता ईश्वरप्पा का चुनावी संन्यास, पार्टी से कई नेताओं का इस्तीफा
कर्नाटक चुनाव में बीजेपी के लिए ईश्वरप्पा का चुनावी संन्यास गले की फांस बन गया है, इस एक ऐलान के बाद पार्टी के कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है
स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता
बेंगलुरू : भाजपा की कर्नाटक इकाई के वरिष्ठ नेता के.एस. ईश्वरप्पा ने मंगलवार को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कहा कि वह चुनावी राजनीति से सन्यास लेना चाहते हैं और 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाने पर विचार नहीं करने का आग्रह भी किया। कर्नाटक चुनाव में बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। 189 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गए हैं, कई नए चेहरों को मौका दिया गया है।
11 सिटिंग विधायकों के टिकट भी कटे हैं। इस लिस्ट में एक नाम के एस ईश्वरप्पा का भी है जिन्होंने चुनावी लिस्ट आने से पहले ही संन्यास का ऐलान कर दिया। शिवमोगा में तो इस्तीफे की झड़ी लग गई है। उन्होंने साफ कर दिया कि वे चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं। अब खुद ईश्वरप्पा ने तो बीजेपी के प्रति कोई नाराजगी जाहिर नहीं की, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया।
अब कर्नाटक बीजेपी के अंदर ईश्वरप्पा के चुनावी संन्यास के साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं। कई पार्टी नेताओं ने सामने से आकर इस्तीफा दे दिया है। शिवमोगा में तो इस्तीफों की झड़ी लग गई है। 19 नगर निगम के सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है , मेयर और डिप्टी मेयर ने भी पद छोड़ दिया है। शिवमोगा के जिला अध्यक्ष ने भी ईश्वरप्पा के समर्थन में इस्तीफा दिया है। कई और नेता भी इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं। यानि कि एक नेता की वजह से पार्टी को चुनावी मौसम बड़ा नुकसान हो सकता है।
अभी के लिए बीजेपी तो ईश्वरप्पा के इस्तीफे को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है, उल्टा ये कहकर उनकी तारीफ हो रही है कि उन्होंने युवा नेतृत्व के लिए जगह खाली की है। असल में ईश्वरप्पा इस साल 75 साल के होने जा रहे हैं, वो उम्र जिसमें बीजेपी दिग्गजों को मार्गदर्शन मंडली में शामिल करवा देती है। लेकिन जिस तरह से एक चुनावी संन्यास के बाद इस्तीफों का दौर शुरू हुआ है, कर्नाटक में बीजेपी के लिए चुनौतियां खड़ी हो सकती है। वैसे ईश्वरप्पा की वजह से बीजेपी को राज्य में सियासी नुकसान हुआ है, कांग्रेस द्वारा जो 40% कमिशन वाला आरोप कर्नाटक सरकार पर लगता है, उसका श्रेय ईश्वरप्पा को जाता है क्योंकि उन्हीं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और उस वजह से उन्हें अपना मंत्री पद भी गंवाना पड़ गया था। ये अलग बात रही कि जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी गई, लेकिन बीजेपी में उनकी स्थिति कमजोर हो गई।
वैसे बीजेपी को अपनी पहली लिस्ट के बाद एक और सियासी झटका लगा है। पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावडी को पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है। इस वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। जब उनसे कांग्रेस में जाने को लेकर सवाल हुआ तो ये कहकर अटकलें तेज कर दीं कि कोई बड़ा फैसला जल्द लिया जाएगा। अब बड़ी बात ये है कि अथनी से बीजेपी ने इस बार महेश कुमाथली को टिकट दिया है। ये वहीं नेता हैं जिन्होंने 2019 में कांग्रेस की सरकार गिरा बीजेपी की सरकार बनवाई थी। जिन विधायकों ने तब पार्टी बदली थी, उसमें इनका नाम भी शामिल था।