सर्दियों के मौसम में शरीर के दर्द को इस तरह से करें दूर, जानिए

सर्दियों का मौसम दस्तक दे चुका है. यूं तो इसे अच्छे खान-पान के जरिए स्वास्थ्य बनाने वाला मौसम बोला जाता है, लेकिन कुछ लोगों, खासतौर पर बुजुर्गों के लिए यह कई तरह का दर्द लेकर आता है. ये वे दर्द होते हैं तो हर बदलते मौसम में अपना अहसास कराते हैं. इनमें सबसे बड़ा होता है गठिया का दर्द.

यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर ने अपने ताजा अध्ययन में पाया है कि बादल मंडराने, तेज हवाएं चलने या तापमान में गिरावट होने से शरीर में दर्द महसूस होता है या पुराना दर्द उभरकर आता है. खासतौर पर हड्डियों व जोड़ों का दर्द परेशान करता है.

ठंड में क्यों बढ़ जाता है दर्द-
तापमान में गिरावट के साथ शरीर में हड्डि्यों के जोड़ कठोर हो जाते हैं. जिससे शरीर के सभी अंगों में खून अच्छा से नहीं पहुंच पाता है. यही स्थिति हड्डियों व जोड़ों में दर्द तथा कठोरता का कारण बनता है.

आर्थोपेडिक समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए यह ज्यादा कठिन वाला समय रहता है. जो लोग सर्दी के मौसम में शारीरिक श्रम कम करते हैं, उन्हें कठिनाई होती है. बेकार मौसम लोगों के मूड को प्रभावित कर सकता है. यदि कोई उदास या डिप्रेशन में है तो उसे दर्द ज्यादा महसूस होगा.

डॉक्टर को कब दिखाएं?
यदि मरीज को जोड़ों के दर्द के साथ कोई असामान्य या नए लक्षण अनुभव होते हैं – जैसे लगातार सूजन, चेहरा लाल होना, हड्डियों के जोड़ों पर दबाव डालने में कठिनाई, तो बिना देर किए डॉक्टरों को दिखाना चाहिए. यदि लगातार या गंभीर दर्द है जो असहनीय हो जाता है, तो घरेलू उपचार छोड़कर चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए.

ठंड में जोड़ों के दर्द का इलाज
शुरुआती उपचार दवाओं से किया जाता है, लेकिन गठिया में स्थिति गंभीर होने पर सर्जरी की नौबत भी आ सकती है. आमतौर पर चिकित्सक दर्द कम करने वाली दवाएं देते हैं. इसके अतिरिक्त सूजन कम करने, रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाने वाली दवाएं दी जाती हैं.

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