कोरोना काल में करते हैं अत्यधिक काढ़े का सेवन तो इन बातों का जरुर रखें ध्यान

कोरोना वायरस  काल में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अगर आप काढ़ा पी रहे हैं तो ध्यान दें. काढ़ा पीने के फायदे के साथ साइड इफेक्ट्स भी हैं. अगर आप काढ़ा सही मात्रा में या फिर तासीर के हिसाब से नहीं पी रहे हैं तो नाके से खून आना, छाले, पेट में गर्मी बढ़ने से जलन, पेशाब में जलन जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि काढ़े की मात्रा की निर्भरता आयुर्वेदिक शरीर के हिसाब से होती है. आयुर्वेद में शरीर को तीन तरह का माना गया है- वात, पित्त और कफ. उसके मुताबिक हमारा शरीर इन तीनों में से किसी एक प्रवृत्ति का होता है. इसका अध्ययन कर उसकी बनावट, दोष, मानसिक अवस्था और स्वभाव का पता लगाया जा सकता है.

वात: अगर आपका शरीर वात की तरह है तो काढ़े का इस्तेमाल दिन में दो बार किया जा सकता है. वात शरीर वाले लोग अपने काढ़े में थोड़ा घी भी शामिल कर सकते हैं. जिससे शरीर के सूखापन को दूर किया जा सके.

पित्त: पित्त शरीर वाले लोगों को काढ़ा दिन में एक बार से ज्यादा नहीं पीना चाहिए. इसके अलावा उन्हें कभी नहीं खाली पेट काढ़े का सेवन करना चाहिए. काढ़े का सबसे अच्छा समय पित्त शरीर वाले लोगों के लिए शाम का है.

काढ़ा इस्तेमाल करनेवालों को मात्रा पर ध्यान देना चाहिए. 50 मिलीलीटर से ज्यादा काढ़े का सेवन नहीं करना चाहिए. 100 मिलीलीटर पानी में काढ़ा के घटकों को उबलने के लिए छोड़ दें. इस तरह जब घटकर 50 मिलीलीटर हो जाए तो उसका सेवन किया जा सकता है.

 

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