डायलिसिस से छुटकारा दिलाएगी शोधकर्ताओं की बनाई पहली आर्टिफिशियल किडनी

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : शोधकर्ताओं ने एक ऐसी कृत्रिम किडनी बनाई है, जो किडनी के मरीजों को डायलिसिस से छुटकारा दिला देगी। इसे किडनी प्रोजेक्ट की टीम ने बनाया है। यह इम्प्लांटेबल बायोआर्टिफिशियल किडनी है। इसे लेकर कहा जा रहा है कि यह किडनी संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को डायलिसिस मशीनों और प्रत्यारोपण के लिए लंबे इंतजार से छुटकारा दिलाएगी।

बता दें कि किडनी प्रोजेक्ट एक नेशनल रिसर्च प्रोजेक्ट है। इसका लक्ष्य किडनी फेलियर के उपचार के लिए सूक्ष्म, चिकित्सा द्वारा प्रत्यारोपित व बायोआर्टिफिशियल कृत्रिम किडनी बनाना है। इस कृत्रिम किडनी को किडनीएक्स से 650,000 डॉलर (48,241,280.51 रुपए) का पुरस्कार भी मिल चुका है।

 

किडनी प्रोजेक्ट ने अपनी इस इम्प्लांटेबल किडनी के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया है। किडनीएक्स अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग व अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के बीच एक सार्वजनिक-निजी साझेदारी है। इसकी स्थापना गुर्दे की बीमारियों की रोकथाम, निदान और उपचार में नई तकनीकों में लाने के लिए की गई है।

 

स्मार्टफोन के आकार का है उपकरण – किडनी प्रोजेक्ट ने अपनी कृत्रिम किडनी में दो महत्वपूर्ण भागों हेमोफिल्टर और बायोरिएक्टर को जोड़ा। प्रीक्लिनिकल निगरानी के लिए स्मार्टफोन के आकार के उपकरण को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया। इस पहल के लिए किडनी प्रोजेक्ट की टीम को किडनीएक्स के पहले चरण के कृत्रिम किडनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

यह टीम अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र से चुनी गई छह विजेता टीमों में से एक थी। पिछले कुछ वर्षों में द किडनी प्रोजेक्ट ने अलग-अलग प्रयोगों में हेमोफिल्टर और बायोरिएक्टर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। हेमोफिल्टर रक्त से अपशिष्ट उत्पादों और विषाक्त पदार्थों को हटाता है। वहीं बायोरिएक्टर रक्त में इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन जैसे कार्य करता है।

 

किडनी रोगियों का जीवन बेहतर होगा – आर्टिफिशियल किडनी पुरस्कार के लिए टीम ने प्रीक्लिनिकल मॉडल में इसके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया। रक्त को पतला करने या इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाओं की जरूरत के बिना कृत्रिम किडनी अकेले रक्तचाप द्वारा संचालित हुई। यूसीएसएफ स्कूल ऑफ फार्मेसी एंड मेडिसिन के फैकल्टी सदस्य रॉय ने कहा कि कृत्रिम किडनी मरीजों को डायलिसिस की तुलना में ज्यादा गतिशीलता और बेहतर शारीरिक परिणाम प्रदान करेगी। यह किडनी मरीजों के जीवन को बेहतर बनाएगी।

 

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