मंकीपॉक्स को लेकर दुनियाभर में बढ़ी चिंता, जानिये क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मंकीपॉक्स के मामलों में अचानक वृद्धि चिंता का विषय है। ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या कोरोना महामारी की तरह मंकीपॉक्स भी दुनिया में कहर बरपाएगा।

स्टार एक्सप्रेस

डेस्क. कोरोना महामारी के बाद मंकीपॉक्स अब अमेरिका समेत 11 देशों में अपना कहर बरपा रहा है। मंकीपॉक्स को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मंकीपॉक्स के मामलों में अचानक वृद्धि चिंता का विषय है। ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या कोरोना महामारी की तरह मंकीपॉक्स भी दुनिया में कहर बरपाएगा। इस मामले में विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है..

शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मंकीपॉक्स से दुनिया में कोविड -19 जैसी महामारी नहीं होगी। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड अपर चेसापीक हेल्थ के वाइस प्रेसिडेंट और चीफ क्वालिटी ऑफिसर डॉ. फहीम यूनुस ने कहा कि मंकीपॉक्स के मामले चिंताजनक हैं, लेकिन इसके कोविड जैसी महामारी बनने का जोखिम शून्य प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स वायरस SARS-CoV-2 (कोविड -19 का कारण बनने वाला वायरस) के विपरीत उपन्यास नहीं है।

दुनिया दशकों से मंकीपॉक्स के बारे में जानती है और उसे उस बीमारी की गहरी समझ है जो चेचक के समान वायरस परिवार से संबंधित है। डॉ. फहीम ने आगे कहा कि मंकीपॉक्स वायरस आमतौर पर घातक नहीं होता है और कोरोनावायरस से कम संक्रामक होता है।

सबसे अधिक आश्वस्त करने वाली बात यह है कि कोविड -19 के विपरीत, इस बीमारी के लिए एक टीका है, जो हर बार अपग्रेड होता रहता है।

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राष्ट्रपति बाइडन, जो इस वक्त क्वाड समिट के लिए जापान में हैं, ने यह कहकर राहत दी है कि यह वायरल संक्रमण कोविड -19 के स्तर तक नहीं बढ़ेगा। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप में इस मंकीपॉक्स वायरस के लगभग 100 मामले सामने आ चुके हैं। बड़े पैमाने पर पश्चिम अफ्रीका के लिए यह इस वक्त चिंता का कारण बना हुआ है। बाइडन ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह उस तरह की चिंता के स्तर तक जाएगा जो कोविड​​​​-19 के साथ हुआ था।”

बाइडन ने कहा कि चेचक का टीका मंकीपॉक्स के लिए काम करता है। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका के पास मंकीपॉक्स से निपटने के लिए उस टीके का पर्याप्त भंडार है, बाइडन ने कहा, “मुझे लगता है कि हमारे पास किसी समस्या की संभावना से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।”

 

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