Teacher Recruitment in Bihar: बिहार शिक्षक बहाली नई नियमावली से कितना बदलाव आएगा? 

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

पटना: बिहार में अब पहली से 12 वीं कक्षा तक के शिक्षकों की बहाली आयोग के माध्यम से होगी। इसके लिए आयोग परीक्षा लेगा।  शिक्षक बहाली में नियोजन की प्रक्रिया पद्धति को समाप्त करते हुए नीतीश सरकार ने शिक्षकों की बहाली को लेकर अब नया फैसला लिया है. बिहार में शिक्षकों की बहाली अब नियोजन के माध्यम से नहीं, बल्कि आयोग विशेष द्वारा की जाएगी। बिहार कैबिनेट ने बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवा शर्त नियमावली 2023 को अपनी मंजूरी दे दी है।

बिहार में अब पहली से 12 वीं कक्षा तक के शिक्षकों की बहाली आयोग के माध्यम से होगी। इसके लिए आयोग परीक्षा लेगा। कोई भी अभ्यर्थी अधिकतम तीन बार परीक्षा में बैठ सकेंगे किस आयोग को परीक्षा लेने की जिम्मेदारी मिलेगी, राज्य सरकार यह बाद में तय करेगी। मालूम हो कि वर्ष 2006 से ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के माध्यम से राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति हो रही थी। 17 वर्षों बाद में इसमें बड़ा बदलाव किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2023 को मंजूरी दी गई। इसके तुरंत बाद शिक्षा विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।

पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली में कुल 9322 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि नई नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर 38 रह जाएगी। सरकार नियुक्ति के लिए आयोग का गठन करेगी। अब अभ्यर्थियों को उसी आयोग में केवल एक आवेदन करना होगा। इस आवेदन में वे स्कूलों में अपनी पदस्थापना का विकल्प रखेंगे, जबकि पहले एक अभ्यर्थी कई नियोजन इकाइयों में आवेदन करने के लिए बाध्य होता था। सरकार के फैसले के बाद बिहार में न केवल शिक्षा जगत को फायदा पहुंचेगा, बल्कि शिक्षकों के हित में भी यह कदम कारगर साबित होगा।

दरअसल, नियोजन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों की बहाली में तमाम तरह की धांधली और अनियमितता की बात सामने आती थी। कई बार नियोजन की प्रक्रिया में धांधली बरते जाने का आरोप लगता था और अभ्यर्थी सड़कों पर होते थे. कई मामले तो न्यायालय में चले गए. लेकिन, आयोग के माध्यम से केंद्रीकृत बहाली प्रक्रिया से बहाली में पारदर्शिता सामने आएगी।

आयोग के माध्यम से जो बहाली की प्रक्रिया तय की गई है इसमें जिला वार रिक्ति की संख्या आयोग को भेजी जाएगी. फिर आयोग द्वारा विज्ञापन निकाला जाएगा उस विज्ञापन को भरने वाले अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। अभ्यर्थियों को अधिकतम तीन बार परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आयोग ससमय परीक्षा आयोजित करवाएगा अभ्यर्थियों को स परीक्षा पास करने के बाद कई सालों तक अपनी बहाली का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
हालांकि, टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी सरकार के फैसले को कितना आत्मसात करेंगे इस पर संशय बरकरार है, क्योंकि वह परीक्षा पास कर केवल नियोजन के माध्यम से बहाल हो जाते हैं। लेकिन, अब उन्हें शिक्षक बनने के लिए फिर से एक परीक्षा पास करनी होगी। उधर नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षक बनने के लिए परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा।

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