Raibarely News: दलों की अदला-बदली करा रही है प्रत्याशियों से मतदाताओं की चरण वंदना

सपा भाजपा है और भाजपा सपा है

राजेश मिश्रा / संवाददाता स्टार एक्सप्रेस

फोटो सपा प्रत्याशी शोभनाथ वैश्य

महराजगंज, रायबरेली। राजनीति भी बड़ी अजीब है कब किसको किसके चरणो मे गिरा दे इसका अंदाजा लगा पाना बड़ा मुश्किल है। हम बात कर रहे है महराजगंज नगर पंचायत के चुनावी जंग की।क्योंकि इस बार सपा भाजपा है और भाजपा सपा है। जिन मतदाताओं से वोट मांगने में था परहेज, आज उन्हीं से कर रहे हैं अपने पक्ष में मतदान अपील

बात है सन 2002 की भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ कर रनर रहे शोभनाथ वैश्य इस बार साइकिल की सवारी कर उसे पूरे कस्बे में दौड़ा कर जनता से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। जनाब को 2002 के चुनाव में जिन मतदाताओं से वोट मांगने में परहेज था आज वही इनका मुख्य मतदाता है। आज वो पहले की बनी खाईं को पाटने के प्रयास में सबकी चरण वंदना कर उसे पूरी तरह से पाट कर बराबर करने का प्रयास कर रहे हैं। देखना है कि इनकी चरण बंदना किस हद तक कामयाब होती है। ये तो मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा। फिलहाल इनके लिए ये शेर बहुत सटीक बैठ रहा है “वो जो मिलते थे कभी हमसे गैरों की तरह, आज यू मिलते है जैसे सगे परिवार के हो”

जिन मतदाताओं ने पहली बार पहनाया था विजय का ताज, आज वही हैं दूर

फोटो बीजेपी प्रत्याशी सरला साहू

ठीक यही कहानी बीजेपी प्रत्याशी सरला साहू की भी है। जब पहली बार 2006 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर जिन मतदाताओं के बलबूते पर अपनी चुनावी वैतरणी पार कर नगर पंचायत अध्यक्ष बनीं थी आज भाजपा के कारण वही मतदाता उनसे दूरी बनाए हुए हैं या यूँ कहिए की जिन मतदाताओं ने 2002 के चुनाव में इन्हे विजय का ताज पहनाया था आज 2023 के चुनाव में कुछ को छोड़ कर शेष चाह कर भी दूरी बनाए हुए हैं। देखना है की 2006 के चुनाव में सर आखों पर बैठाने वाला मतदाता इस बार किस हद तक साथ निभाता है। सरला साहू पर भी एक शेर सटीक बैठता है “वो जो मिलते थे कभी हमसे दीवानों की तरह, आज यू मिलते हैं जैसे कभी पहचान न थी”

जनाधार न तब था और न अब है……

फोटो कॉंग्रेस प्रत्याशी इरसाद आलम

अब हम बात करते है कांग्रेस की।इसका जनाधार न तब था और न अब है। काग्रेस एक काम अवश्य कर रही है। कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी इरसाद आलम को चुनाव मैदान में उतार कर सपा के परम्परागत वोटों का ध्रुवीकरण करने का काम अवश्य कर रही है। वही कहावत है कि “हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डूबेंगे”

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