भारत हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार रहा पर PM मोदी के ‘आत्मनिर्भर’ का जबरदस्त असर, जानें कैसे

स्टार एक्सप्रेस संवाददता

 

नई दिल्ली: भारत में हथियारों के निर्माण पर जोर का ही असर है कि इस बार के बजट में भारतीय हथियारों को खरीदने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Sipri) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2013-17 और 2018-22 के बीच भारत की हथियार खरीद में 11 प्रतिशत की कमी आई है, इसके बावजूद भारत हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार देश बना हुआ है। बीते पांच सालों में दुनिया में जितने हथियार खरीदे गए, उनमें से 11 प्रतिशत अकेले भारत ने खरीदे। सऊदी अरब (9.6 फीसदी) खरीद के साथ दूसरे स्थान पर है। वहीं इनके बाद कतर (6.4%), ऑस्ट्रेलिया (4.7%)  और चीन (4.7%) का नंबर आता है।

 मेक इन इंडिया का दिखा बड़ा असर मोदी सरकार के
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के हथियार खरीद में आई कमी की वजह मेक इन इंडिया प्रोग्राम है, जिसके तहत भारत सरकार का जोर हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर बनने पर है। बीते चार से पांच सालों में भारत ने हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं। जिसमें भारत में निर्मित हथियारों के लिए अलग बजट का प्रावधान, रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना और कई हथियारों की खरीद पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम शामिल हैं।
भारत में हथियारों के निर्माण पर जोर का ही असर है कि इस बार के बजट में भारतीय हथियारों को खरीदने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। गौरतलब है कि बीते तीन सालों में इसमें लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। तीन साल पहले भारत में निर्मित हथियारों और अन्य सामान की खरीद के लिए बजट में 51 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान था, जिसे अगले साल बढ़ाकर 70 हजार करोड़ और फिर 84 हजार करोड़ रुपए किया गया। अब यह बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए हो गया है।
सोमवार को ही रक्षा राज्य मंत्री अजट भट्ट ने राज्यसभा में बताया कि साल 2018-19 में रक्षा बजट में विदेशी खरीद 46 फीसदी से कम होकर 36.7 फीसदी हो गई है। साल 2024-25 तक भारत ने एक लाख 75 हजार करोड़ रुपए के भारतीय हथियार खरीदने का लक्ष्य तय किया है। साथ ही निर्यात को बढ़ाकर 35 हजार करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है।
 सबसे बड़ा हथियार निर्यातक अमेरिका

सिपरी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है, जो दुनिया के कुल हथियार निर्यात का 40 फीसदी निर्यात करता है। अमेरिका के बाद रूस दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है, जो 16 फीसदी हथियार निर्यात करता है। इनके बाद फ्रांस (11 फीसदी), चीन (5.2 फीसदी) और जर्मनी (4.2 फीसदी) का नंबर आता है। साल 2013 के बाद से अमेरिकी के हथियार निर्यात में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं रूस के हथियार निर्यात में 31 फीसदी की कमी हुई है।

रूस के हथियारों पर कम हुई भारत की निर्भरता
रिपोर्ट में एक और अहम बात है, वो ये है कि भारत की रूस के हथियारों पर निर्भरता कम हुई है। भारत का रूस से हथियार आयात 37 प्रतिशत तक घटा है। रूस यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर कई प्रतिबंध लगे हैं, जिसके चलते रूस के हथियार निर्यात में भी कमी आई है। साथ ही अमेरिका के सहयोगी देश भी यूक्रेन युद्ध के चलते रूस के हथियार खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

युद्ध के चलते यूक्रेन के हथियार खरीद में भी तेजी आई है। साल 2022 में यूक्रेन दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश रहा, जबकि 2018-22 के दौरान यूक्रेन दुनिया का 14वां सबसे बड़ा हथियार आयातक देश था।

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