बच्चों को फिट व एक्टिव रखने के लिए अपनाये यह तरीका, जानिए

बच्चों को फिट  एक्टिव रखने के लिए कई तरह के योगासन हैं जिन्हें नियमित रूप से कर सकते हैं. ध्यान रहे कि आठ वर्ष की आयु के बाद ही बच्चों को किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही योगाभ्यास कराना चाहिए. बच्चे वृक्षासन, बालासन  ताड़ासन करेंगे तो उनकी एकाग्रता बढ़ने के साथ पढ़ाई में मन लगेगा. नियमित योग करने से बच्चों के शरीर का बेहतर विकास होने के साथ उनकी मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. बच्चों को योगाभ्यास उतनी देर तक ही करवाया जाना चाहिए जब तक कि वे थकान महसूस न करें. गर्मी में इससे शरीर की अंदरूनी ऊर्जा  ताकत बनी रहती है. यहां जो योगासान दिखाए गए हैं वे योग प्रशिक्षक की देखरेख में सीखे गए हैं.

वृक्षासन ( Vriksasana )
दायां पैर उठाकर बाएं पैर की जांघ के पास रखें. दोनों हाथों को कान के पास ले जाकर सीधा करें. अब किसी एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें. इसे नियमित करने से हाथ-पैरों की मांसपेशियां मजबूत होंगी  हाइट बढ़ेगी. मानसिक संतुलन अच्छा रहेगा. आठ की आयु के बाद ये योगासन नियमित कर सकते हैं.

बालासन ( Balasana )
सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें. दोनों हाथों को ऊपर कर आगे की ओर झुकें. गहरी सांस ले, सिर जमीन पर लगाएं. सांस छोड़ दें. इस आसन को नियमित 5-10 मिनट करेंगे तो रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आने से नर्वस सिस्टम अच्छा रहेगा, तनाव भी दूर होगा.

ताड़ासन ( Tadasana )
पैर के पंजे के बल खड़े हो जाएं. दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं फिर हाथ के पंजों को आपस में बांध लें  खींचकर रखें. फिर संतुलन बनाएं पैरों  हाथों में खिंचाव आने से ताकत मिलेगी. बच्चे का पेट निकला है या फैट की चर्बी हैं तो लाभ होगा. नियमित करने से एकाग्रता भी अच्छा रहती है.

सुबह के वक्त करें
सुबह पांच से सात बजे के बीच प्रतिदिन दस मिनट योग करेंगे तो फायदा होगा. गर्मी में सूर्योदय के बाद योग करने से अधिक थकान हो सकती है.

इम्युनिटी होगी मजबूत
बच्चों की रोगों से लड़ने की इम्युनिटी बड़ों की तुलना में कम होती है. नियमित योग करने से इम्युनिटी बढ़ती है  बीमारियों से बचाव होता है.

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