होम आइसोलेशन के दौरान कोरोना मरीज़ में कम हो रहा हैं ऑक्सीजन लेवल तो सूंघना शुरू कर दे ये पोटली

देश-प्रदेश के साथ-साथ जिले में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के साथ मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। आलम यह है कि मरीजों को अस्पताल में आइसीयू और ऑक्सीजन बेड तो छोडि़ए, साधारण बेड भी नहीं मिल रहे। जिन मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं या मामूली लक्षण हैं, उन्हें होम आइसोलेशन में रहते हुए इलाज की सलाह दी जाती है। आज भी बड़ी संख्या में कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

इस दावे का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। वास्तव में चेस्ट स्पेशलिस्ट भी इस दावे को मिथक मानते हैं।अन्य रिपोर्टों में कहा गया है कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कपूर, लौंग या अजवाइन रक्त ऑक्सीजन को बढ़ा सकते हैं या श्वसन संकट के दौरान राहत प्रदान कर सकते हैं। हालांकि इससे हल्के श्वसन संक्रमण के दौरान थोड़ी बहुत राहत जरूर मिल सकती है।

दर्द और खुजली को कम करने के लिए त्वचा पर रगड़ने के लिए कपूर का उपयोग किया जाता है और कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि इनका नाक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

एक अध्ययन से यह भी पता चलता है कि नाक के अवरोध को दूर करने से ऑक्सीजन में सुधार नहीं होता है। इसी तरह, कोई अध्ययन नहीं है जो बताता है कि लौंग, अजवाइन और नीलगिरी का तेल ऑक्सीजन के स्तर और बेचैनी को कम करता है।

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