समलैंगिकता को लेकर सिंगापुर में छिड़ी बहस
हिंदुस्तान में समलैंगिक लोगों के आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने को क्राइम के दायरे से बाहर करने के सुप्रीम न्यायालय के निर्णय को लेकर सिंगापुर में बहस छिड़ गई है।कानून एवं गृह मामलों के मंत्री के। षणमुगम ने बोला कि समाज को निर्णय करना है कि वह सामाजिक मूल्यों से संबंधित मुद्दे पर किस दिशा में जाना चाहता है। हिंदुस्तान के उच्चतम कोर्ट के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर षणमुगम ने कहा, ‘‘सिंगापुर में अगर आप इस मुद्दे को देखोगे तो इसे लेकर समाज बहुत ज्यादा बंटा हुआ है।
ज्यादातर लोग धारा 377ए में किसी भी परिवर्तन का विरोध करते हैं। वे इसे हटाने के विरोध में है। ’’ बहरहाल, इंडियन मूल के वरिष्ठ मंत्री ने बोला कि ‘‘बढ़ते अल्पसंख्यक’’ इसे निरस्त करना चाहते हैं । उन्होंने कहा, ‘‘सरकार बीच में है। ’’ द स्ट्रेट्स टाइम्स अखबार ने मंत्री के हवाले से बोला कि यह विषय सामाजिक मूल्यों से संबंधित है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप अल्पसंख्यकों पर अपने विचार थोप सकते है जब मुद्दा सामाजिक मूल्यों की व्यवस्था से करीबी से जुड़ा हो?’’ षणमुगम ने बोला कि उनकी राय में जीवनशैलियों वयौन प्रवृत्ति को क्राइम के दायरे में लाने तथा इसमें शामिल लोगों के साथ क्रिमिनल की तरह बर्ताव करने में सावधानी बरती जानी चाहिए । साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरे लिए अपने व्यक्तिगत विचार समाज पर थोपना गलत होगा। ’’