लखनऊ में कैंडल मार्च निकालकर किया 13 प्वाइंट रोस्टर का विरोध
स्टार एक्सप्रेस डिजिटल.
लखनऊ. 13 प्वाइंट रोस्टर का विरोध पूरे देशभर में हो रहा है। देश का जागरूक बहुजन समाज यूनिवर्सिटीज में लागू किये गए 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के विरोध में सड़कों पर है और 200 रोस्टर की मांग हो रही है। बुद्धिजीवी लड़ रहे हैं, छात्र नारे लगा रहे हैं और मनुवादी व्यवस्था लागू करने की जिद ठाने लोग रोज-रोज सामाजिक न्याय विरोधी फैसले कर रहे हैं। इन सबके विरोध में लखनऊ में कैंडल मार्च निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया गया।
2 अप्रैल 2018 को देश भर मे एससी/एसटी एक्ट को लेकर एक स्वस्फूर्त आंदोलन हुआ था जिसमें दर्जन भर लोगों को शहादत देनी पड़ी थी लेकिन सत्ता में बैठे मनुवादी लोगो को सँविधान संशोधन करने को बाध्य होना पड़ा था। एक बार फिर से उसी तरह का माहौल बन गया है। इसको लेकर ठंड पड़ चुकी राजनीतिक गलियारों में भी अब फिर से गर्माहट देखी जा सकती है।
उच्च शिक्षा में 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली बहुजन समाज के लिए फांसी का फंदा है। इस व्यवस्था के तहत कहीं कोई दलित/पिछड़ा उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्यापक नहीं हो सकेगा। बहुत स्पष्ट है कि जहां एक तरफ अभी जब एकाध दलित/पिछड़े अध्यापक यूनिवर्सिटीज में हैं तो वहीं दूसरी तरफ रोहित बेमुला, तो कहीं परमात्मा यादव, तो कहीं रजनीकांत यादव आदि मारे जाते हैं। यदि बिलकुल शून्य हो गया तो क्या हश्र होगा,कल्पना कर रूह कांप जाती है?
इन सभी मुद्दों को लेकर 30 जनवरी को लखनऊ विश्वविद्यालय के गेट नं0 1 से अंबेडकर प्रतिमा हजरतगंज तक कैंडल मार्च निकाल जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। उनकी प्रमुख मांगें कुछ इस प्रकार हैं-
1. सवर्णआरक्षणवापस_लो
2. केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं अन्य शैक्षिक संस्थानों में नियुक्ति हेतु आरक्षण को विषयवार, बिना बैकलॉग के 13 पॉइंट रोस्टर को तुरंत रद्द करते हुए उसकी जगह पुनः 200 पॉइंट रोस्टर लागू किये जाने के लिए केंद्र सरकार अध्यादेश (Ordinance) या कानून लाए।
3. निजी_क्षेत्र में एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए।
4. 2021 सेंसस में कमिशनर द्वारा जातिगत_जनगणना भी किया जाए। ओबीसी को जनसँख्या के आधार पर 52% आरक्षण
5. उच्च_न्यायपालिका यानि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए।
6. एंटी_लिंचिंग कानून लाकर, धर्म या समुदाय के नाम पर किसी नागरिक की सामूहिक हत्या के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई हो और सज़ा मिले।
7. ईवीएम की जगह पेपर बैलट से चुनाव हो।
इस कैंडल मार्च में प्रो0 प्रतिभाराज, प्रो0 रविकांत चंदन, प्रो0 राणे गौतम के साथ रिहाई मंच के रॉबिन वर्मा, सचेंद्र प्रताप यादव, यादव सेना- शिव कुमार यादव, जगन्नाथ यादव, रणधीर यादव, देवेश सिंह यादव, कृष्णा, हार्दिक यादव, आशीष यादव छात्रसभा की पूजा यादव, अनिल यादव ‘मास्टर’ अवनीश यादव, जीत यादव लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र अंकुश यादव, अभिषेक कुमार, अजित यादव, अंकित, शिवम पटेल, सैमी, प्रेम, विशाल, बजरंग के अलावा बीबीएयू के छात्र अशोक, मैत्रेय गौतम आदि भी मौजूद रहे ।