राम मंदिर के दिव्य स्वरूप का कार्य कब तक होगा पूरा, स्टार एक्सप्रेस की स्पेशल रिपोर्ट, जानिये पूरी डिटेल

स्टार एक्सप्रेस के संपादक अजय चौहान ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से की मुलाकात

लखनऊ. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अटकलों का बाजार गर्म हो रहा था अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण कार्य कहाँ तक पहुंचा ? राम मंदिर के दिव्य स्वरूप का कार्य कब तक पूरा होगा ? राम लला अपने भव्य राम मंदिर में कब विराजमान होंगें और राम भक्तों को राम मंदिर में श्रीराम जी के दर्शन कब होंगे ?

इन सभी अटकलों पर अब विराम लगने जा रहा है, क्योंकि स्टार एक्सप्रेस के संपादक अजय चौहान ने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मुलाकात की है और इन सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश की है।

पेश हैं बातचीत के कुछ अंश :

संपादक अजय चौहान ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से जब पूछा कि राम मंदिर निर्माण कार्य की वर्तमान वस्तु स्थिति क्या है? निर्माण कार्य अभी तक कहाँ पहुँचा है, तब इस पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर की नींव भराई का कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है। यह नींव ऐसी बनाई जा रही है जिस पर राम मंदिर की विजय पताका शदियों तक फहराएगी। चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण के लिए किसी भी सरकारी मशीनरी का उपयोग नहीं किया जा रहा है। समाज से मिले दान से पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए युद्धस्तर पर कार्य जारी है। चौबीसों घंटे, तीन शिफ्ट में कार्य किया जा रहा है। 30-30 इंजीनियरों की टीम हर पल नजर बनाए रखती है। विश्व भर से बेस्ट आर्किटेक्ट को बुलाया गया है और इसके निर्माण के लिए टाटा और एल एंड टी समेत देश के प्रतिष्ठित कंपनियों से भी सहयोग लिया जा रहा है। रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से मंदिर निर्माण की भव्यता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

संपादक अजय चौहान के यह पूछने पर कि इस राम मंदिर में क्या विशिष्टता होने जा रही है, इस पर जवाब देते हुए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम लोगों का एक यह प्रयास है कि दिनभर में एक ऐसा समय जरूर आये जब प्रभु श्रीराम के मस्तक पर सीधा सूर्य की किरण जरूर पड़े।

चंपत राय ने कहा कि सबसे विशेष बात ये है कि पत्थरों को तराशने का काम मशीनों से नहीं बल्कि कुशल कारीगरों और मानव संसाधन द्वारा कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण का कार्य हिन्दू समाज की भावनाओं को देखते हुए कराया जा रहा है।

 

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