प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप से बचने के लिए अपनाए यह तरीका

प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप के बीच आपको अपना ख्याल रखना बहुत जरुरी है. स्मॉग हट जाने के बाद भी प्रदूषण की समस्या कम नहीं हुई है. ऐसे में बढ़ते प्रदूषण में सबसे ज्यादा फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है, जिससे बचने के लिए आप कई नेचुरल उपायों को अपना सकते हैं, लंग्स यानी फेफड़े सेल्फ-क्लेन्सिंग होते हैं यानी कि वे अपनी सफाई खुद कर सकते हैं लेकिन अगर हर दिन हमारे लंग्स लगातार प्रदूषण वाली जहरीली हवा के सम्पर्क में आएं तो लंग्स में कंजेशन  जलन की समस्या हो सकती है. आइए, जानते हैं कुछ ऐसे उपाय-

स्टीम थेरपी का प्रयोग करें 
अपने लंग्स यानी फेफड़ों की सफाई के लिए स्टीम थेरपी सबसे बेस्ट है. स्टीम को सांस के माध्यम से अंदर लेने पर एयर पैसेज यानी सांस की नली खुल जाती है  फेफड़ों में जमा म्यूकस भी बाहर आता है. सर्दियों का मौसम प्रारम्भ हो चुका है  पॉल्यूशन  स्मॉग की परेशानी इस वक्त ज्यादा रहती है लिहाजा हर दिन स्टीम थेरपी का प्रयोग करें ताकि आपके फेफड़े, कंजेशन से मुक्त रहें.

 

ग्रीन-टी
इसमें कोई संदेह नहीं ग्रीन टी हमारी स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभकारी है. वेट लॉस, बेहतर पाचन के साथ-साथ लंग्स को क्लीन करने में भी मदद कर सकती है ग्रीन टी. ऐंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर ग्रीन टी फेफड़ों में होने वाले जलन  खुजली की समस्या को दूर कर लंग्स के गम्भीर टिशूज को बचाने का भी कार्य करती है.

 

डाइट का ख्याल रखें 
खाने-पीने की भी ऐसी कई चीजें हैं जो हमारे एयर पैसेज को क्लीन कर सांस लेने में होने वाली परेशानी को दूर कर सकती हैं. जैसे- हल्दी, चेरीज, ऑलिव, अखरोट, बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियां- ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें खाने से हमारे फेफड़े नैचरल ढंग से क्लीन रहेंगे. इसके अतिरिक्त प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं.

शहद
ऐंटीऑक्सिडेंट  ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री प्रॉपर्टी से भरपूर शहद भी लंग कंजेशन को दूर करने में मददगार है. अस्थमा, टीबी, गले में इंफेक्शन समेत सांस से जुड़ी कई बीमारियों को अच्छा करने  फेफड़ों को राहत पहुंचाने में मददगार साबित होने कि सम्भावना है शहद. हर दिन 1 चम्मच कच्चे शहद का सेवन, फेफड़ों के लिए लाभकारी साबित होने कि सम्भावना है.

 

बाहर से आने के बाद गुनगुने पानी से कुल्ला 
बाहर से आने के बाद आपको गुनगुने पानी से कुल्ला करना चाहिए, जिससे कि धूल, मिट्टी  अशुद्धियां मुंह के द्वारा आपके फेफडों तक न पहुंचे.

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