प्याज की बढती कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम

केंद्र सरकार द्वारा की जा रही कोशिशों के बाद भी देश भर में प्याज की कीमतों ने एक नया रिकॉर्ड बना लिया है. प्याज के दाम दिन प्रति दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. मदुरई में एक किलो प्याज 200 रुपये का मिल रहा है. इस संदर्भ में एक व्यापारी मूर्थि का बोलना है कि जो ग्राहक पहले पांच किलो प्याज खरीदा करते थे, वे अब केवल एक किलो प्याज ही खरीद रहे हैं. वहीं जया सुभा नाम की एक ग्राहक का बोलना है कि वह एक सप्ताह में प्याज पर 350 से 400 रुपये खर्च कर रही हैं. देश के अन्य राज्यों में भी प्याज की बढ़ती कीमतों से जनता परेशान है.

इस वर्ष मई के बाद प्याज की कीमतों में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है. बीते वर्ष प्याज का बहुत कम उत्पादन हुआ था. इस बार भी बाढ़  बारिश की वजह से उत्पादन कम हुआ है, जिसकी वजह से इसमें बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.  इसके अलावा कारोबारियों ने सरकार की प्रतिकूल नीतियों को इसका जिम्मेदार ठहराया है.

लासलगांव की कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के अध्यक्ष जयदत्त होल्कर ने बोला कि अक्तूबर  नवंबर में बेमौसम वर्षा हुई है, जिसकी वजह से खरीफ सीजन में बोई गई फसलों को नुकसान हुआ है. आंध्र प्रदेश  कर्नाटक सहित दक्षिण भारतीय राज्यों में बोई गई शुरुआती किस्म की प्याज आवक को नुकसान पहुंचा है. यही कारण है, जिसकी वजह से मार्केट में नयी किस्म की प्याज आपूर्ति नहीं है.

प्याज की सबसे ज्यादा खेती महाराष्ट्र में होती है. हिंदुस्तान में प्याज के कुल उत्पादन का 35 प्रतिशत प्याज महाराष्ट्र से आता है. सितंबर माह से मध्य प्रदेश, राजस्थान  गुजरात में हो रही बेमौसम बारिश से फसल को नुकसान पहुंचा है.

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