पाकिस्तान को चारों तरफ से घेरने में जुटी मोदी सरकार ने फिर ऐसे दिया पाकिस्तान को झटका

पाकिस्तान को चारों तरफ से घेरने में जुटी मोदी सरकार ने अब उसे एक और झटका दिया है। जी हां, दरअसल सरकार ने एक बार फिर शत्रु शेयरों को बेचकर 1150 करोड़ रुपए कमाए हैं। बता दें कि यह शत्रु शेयर देश की बड़ी आईटी कंपनियों में शुमार विप्रो में मौजूद थे और एनमी प्रॉपर्टी ऑफ इंडिया के तहत गृम मंत्रालय की देखरेख में थे।

तीन सरकारी कंपनियों ने की इनकी खरीदारी

दरअसल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानि कि बीएसई से मिली जानकारी के अनुसार प्रसिद्ध आईटी कंपनी विप्रो में करीब 4.43 करोड़ शत्रु शेयर थे। बताया गया कि इनको 258.90 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से बेचा गया है।

आपको बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन और द न्यू इंडिया एश्योरेंस कॉरपोरेशन ने यह शेयर खरीदे हैं।
मालूम हो कि LIC ने 3.86 करोड़ शत्रु शेयर की खरीदारी की है। बता दें कि बीएसई के अनुसार, इन शत्रु शेयरों की बिक्री से सरकार को 1150 करोड़ रुपए मिले हैं।

शत्रु शेयरों की बिक्री के लिए कमेटी का गठन

आपको बता दें कि देश में करीब 3 हजार करोड़ रुपए मूल्य के शत्रु शेयर हैं। दरअसल पिछले साल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर की ओर से राज्यसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, 996 कंपनियों में करीब 20 हजार लोगों के 6 करोड़ से ज्यादा शत्रु शेयर हैं।

उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह शेयर 588 सक्रिय, 139 सूचीबद्ध और बाकी गैरसूचीबद्ध कंपनियों में हैं। बता दें कि इसके बाद केंद्र सरकार ने इन शेयरों को बेचने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था।

क्या होता है ये शत्रु संपत्ति एवं शत्रु शेयर

आपको बता दें कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान में जा बसे लोगों और 1962 के युद्ध के बाद चीन चले गए लोगों की भारत में स्थित संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहा जाता है।

दरअसल वर्ष 1968 में संसद द्वारा पारित शत्रु संपत्ति अधिनियम के बाद इन संपत्तियों पर भारत संरकार का कब्जा हो गया था। तब से इन संपत्तियों की देखभाल गृह मंत्रालय कर रहा था।

आपको बता दें कि देश के कई राज्यों में शत्रु संपत्ति फैली हुई है। वर्ष 2017 में सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम में बदलाव कर इन लोगों का संपत्ति से अधिकार खत्म कर दिया था। इसके अलावा पाकिस्तान और चीन जा बसे इन लोगों की ओर से भारतीय शेयर बाजारों में किए गए निवेश को शत्रु शेयर कहा जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि भारत में करीब 3000 करोड़ रुपए के शत्रु शेयर हैं।

भारत में 1 लाख करोड़ की है शत्रु संपत्ति

आपको बता दें कि गृह मंत्रालय के अनुसार देश में करीब 1 लाख करोड़ रुपए की शत्रु संपत्ति है। इसके अलावा 3 हजार करोड़ रुपए के शत्रु शेयर भी भारत सरकार के पास हैं। इन संपत्तियों में से सबसे ज्यादा 4991 उत्तर प्रदेश, 2735 पश्चिम बंगाल और 487 संपत्ति दिल्ली में स्थित हैं। वहीं भारत छोड़कर चीन जाने वालों की 57 संपत्ति मेघालय, 29 पश्चिम बंगाल और 7 आसाम में स्थित हैं। बता दें कि केंद्र सरकार लंबे समय से इन संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रही है।

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