पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार बना रहीं कई योजनाएं, आवागम के लिये की जाएंगी बेहतर सुविधाएं

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध राज्य है, परन्तु अभी तक इसकी पूर्ण क्षमता का दोहन नहीं हो पाया है। वर्तमान राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान दिलाने के लिए कार्य कर रही है।

पर्यटन के लिए बेहतर अवस्थापना सुविधाओं और सम्पर्क मार्गों की आवश्यकता होती है, जिसके लिए वर्तमान सरकार तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के विकास से पर्यटन की गतिविधियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, जो पर्यटन के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। उत्तर प्रदेश में पर्यटन को विकसित करने और बढ़ाने में यूपी बहुत ही प्रभावी भूमिका निभा सकता है।

मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां इन्दिरा गाँधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग तथा FIICI के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘उत्तर प्रदेश टैवल मार्ट-2018’ के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृति है। ऐसे में, भारत को विश्व पर्यटन के मानचित्र में प्रमुखता के साथ स्थापित किया जाना आवश्यक है। इस प्रयास में उत्तर प्रदेश की प्रमुख भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के अनेक आकर्षक पर्यटन स्थल हैं, जहां पर पर्यटकों का आना-जाना लगातार बना रहता है। प्रदेश में अनेक वन्य जीव अभ्यारण्य मौजूद हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में भी पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन के विकास के लिए कई योजनाएं बनायी हैं। केन्द्रीय योजनाओं के अन्तर्गत प्रासाद योजना तथा स्वदेश दर्शन योजना संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर शहर में पर्यटन के पर्याप्त अवसर हैं। आज उत्तर प्रदेश सुरक्षा की दृष्टि से देश का सबसे सुरक्षित स्थल बन गया है, जो पर्यटन के लिए सबसे आवश्यक है।

आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दिसम्बर माह में प्रयाग में होने वाले कुम्भ के लिए विश्व के 192 देशों के प्रतिनिधियों एवं अधिकारिगणों को आमंत्रित किया गया है। वर्ष 2019 में जनवरी से मार्च के प्रथम सप्ताह तक सम्पन्न होने वाले विश्व के इस विशालतम आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक समागम में करीब 12 करोड़ लोगों के आने की सम्भावना है। साथ ही 20 से 23 जनवरी, 2019 के दौरान वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें करीब 6000 प्रवासी भारतीय प्रतिभाग करेंगे। इनके माध्यम से विश्व में उत्तर प्रदेश के पर्यटन को एक पहचान मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक पर्यटन सर्किटों जैसे राम सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुद्ध सर्किट आदि का विकास करके इनकी अवस्थापना सुविधाएं और बेहतर की जाएंगी। इसके अलावा पर्यटकों की सुविधा के लिए मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयाग, विंध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और वाराणसी आदि में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में मौजूद बौद्ध धर्म स्थलों का विकास किया जाएगा, ताकि बौद्ध अनुयायियों के अलावा अन्य पर्यटक भी इन स्थलों की ओर आकर्षित हो सकें।

फोटो- फाइल।।

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