पर्चा फाड़ने वाले सांसदों से पीएम मोदी नाराज, कहा-लोकतंत्र का अपमान

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने संसद की कार्यवाही ठप रखने के लिए विपक्ष के प्रति नाराजगी जाहिर की। पीएम मोदी ने इसे संसद, संविधान और देश का अपमान बताया। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि पीएम मोदी ने बैठक के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के ‘पापड़ी चाट’ वाले बयान को भी अपमानजनक बताया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी सदस्यों का आचरण ओर उनका व्यवहार जनता का भी अपमान है।

 

 

 

 

बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, कल तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने ट्वीट किया था। प्रधानमंत्री ने इसे जनता का अपमान बताया और कहा कि जनता ही सांसदों को चुनती है। प्रधानमंत्री ने इस बयान पर नाराजगी जताई। पापड़ी-चाट बनाने की बात करना अपमानजनक बयान है। कागज छीन लेना और उसके टुकड़े कर फेंकना और माफी भी ना मांगना उनके अहंकार को दर्शाता है। कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर जल्दबाजी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाते हुए सोमवार को दावा किया कि सात-सात मिनट में एक विधेयक पारित कराया गया।

 

 

 

 

टीएमसी सांसद ने सरकार पर कसा था तंज
डेरेक  ओ ब्रायन ने एक ट्वीट में कहा था, पहले 10 दिनों में संसद में कमाल! मोदी-शाह ने 12 विधेयक पारित कराए और इसका औसत समय सात मिनट प्रति विधेयक है। उन्होंने कहा कि विधेयक पारित करा रहे हैं या पापड़ी चाट बना रहे हैं।

 

 

 

 

राज्यसभा में भी उठा मुद्दा
राज्यसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि विपक्ष के एक सदस्य ने सदन में विधेयक पारित करने के तरीके को लेकर एक टिप्पणी की है जो उन्हें नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणी सदन की गरिमा पर आघात है। हमारी मांग है कि वह सदस्य सदन से माफी मांगें।

 

 

 

 

संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हर दिन सदन की कार्यवाही बाधित करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है लेकिन विधेयक पारित करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने जो कहा है वह सदन का, इस देश के लोगों का अपमान है। उन्हें देश से और सदन से माफी मांगना चाहिए।

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