पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने बताया, जलियांवाला बाग जैसा है लखीमपुर हत्याकांड
स्टार एक्सप्रेस डिजिटल : पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) आज शाम 6:30 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि वो लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Violence) को केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष उठाएंगे। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने लखीमपुर की घटना को सीधे तौर पर जलियांवाला बाग हत्याकांड के समान बताया और कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही जल्द से जल्द होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी को लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में अपने हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। उत्तर प्रदेश के गृह मंत्रालय ने पंजाब के नागरिक उड्डयन विभाग को लिखा कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए जिले में धारा-144 लागू की गई है, इसलिए मुख्यमंत्री (चन्नी) और उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को जिले में आने की अनुमति देना संभव नहीं है।
इससे पहले, पंजाब के नागरिक उड्डयन विभाग ने उत्तर प्रदेश सरकार से पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति देने का अनुरोध किया था ताकि वह लखीमपुर खीरी जा सकें। पंजाब के नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को पत्र लिखकर कहा था, जैसा कि आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों की मौत और उससे उत्पन्न स्थितियों के मद्देनजर मुख्यमंत्री इस दुख की घड़ी में संबंधित किसानों के परिवारों से मिलना चाहते हैं।
वहीं, हिंसा में मारे गए 4 किसानों में से 2 किसानों के परिवार वालों ने दाह संस्कार (Cremation) करने से साफ इनकार कर दिया है। इस दौरान परिवार वाले पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं। वहीं, परिवार वालों का आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खेल हो सकता है।
लखीमपुर खीरी जिले में बीते दिन हुए हिंसक बवाल में कई लोगों की जान चली गई, जिसके चलते पलिया के लवप्रीत सिंह और धौरहरा में किसान नक्षत्र सिंह का मंगलवार सुबह यानी आज अंतिम संस्कार होना था। परिवार वालों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। परिवार वालों का कहना है कि अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई। इस मामले को बढ़ता देख जिलेभर के स्थानीय नेता भी गांव पहुंच गए।