दांत और मसूड़े सेहतमंद रखने के लिए करें ऑयल पुलिंग

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल: घर में बुजुर्गों से आपने अक्सर ऑयल पुलिंग के बारे में सुना होगा। ऑयल पुलिंग का मतलब तेल से कुल्ला करना। ये कोई नई तकनीक बिलकुल नहीं है, बल्कि प्रचीन समय की आयुर्वेदिक तकनीक है। इसके बारे में चरक संहिता और सुश्रुत संहिता के भारतीय चिकित्सा ग्रंथों में मिलता है। इसे करने के कई फायदे हैं।

 

 

क्या है ऑयल पुलिंग- ऑयल पुलिंग ओरल हाइजीन और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है। ऑयल पुलिंग में पुलिंग का मतलब यही है कि ये सभी टोक्सिन को मुंह से बाहर निकालता है। इन दिनों माउथ फ्रेशनर को इस्तेमाल करने का तरीका सामान्य है। लेकिन तेल का इस्तेमाल करना नैचुरल है। तेल को मुंह में कम से कम 10 से 15 मिनट रखने के बाद कुल्ला करना है। ये दांत और मसुड़ों से टॉक्सिन को निकालने में मदद करता है।

 

 

क्या सच में प्रभावी है – ऑयल पुलिंग सलाइवा में मौजूद एंजाइम को एक्टिल करता है जो टॉक्सिन को एबसोर्ब करता है। और जीभ के जरिए हटाने में मदद करता है। ये माना जाता है कि ऑयल पुलिंग से एंटी ऑक्सिडेंट उत्पन्न होते हैं। जिससे बैक्टीरिया और अन्य रोगजनकों की कोशिका भित्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए तेल को बाहर थूक दिया जाता है, जिससे टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं।

 

 

कैसे करें ऑयल पुलिंग- एक चम्मच नारियल, सेसेम या ऑलिव ऑयल को मुंह में डालें। तेल को मुंह में 10 से 15 मिनट के लिए घुमाएं। फिर इसे थूक दें और पानी से कुल्ला करें।

 

 

फायदे
-दांतो को सफेद रखने में मदद करता है।
-डिटॉक्स करने में मदद मिलती है ।
-हानिकारक बैक्टीरिया को मारता है।
-केविटी होने से बचाता है।
-सिरदर्द कम करता है।

 

 

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