जानिए, रक्षाबंधन के क्या हैं आज के दिन में असली मायने
डेस्क. रक्षाबंधन बहन-भाई के प्यार का त्योहार है। देश के कोने-कोने में इसे पूरे हर्षोल्लास और पूरी गरिमा के साथ मनाया जाता है, लेकिन यहीं इस विडंबना पर भी गौर करना होगा कि जिस देश में रक्षाबंधन जैसा त्योहार मनाया जाता है, वहीं पर कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों के साथ दुराचार और छेड़छाड़ की घटनाएं भी सुर्खियां बनती रही हैं। क्या यह रक्षाबंधन जैसे त्योहारों की अवमानना नहीं है?
एक तरफ तो बहनों को सुरक्षा प्रदान करने का वचन और दूसरी तरफ देश की लड़कियों का सुरक्षित न होना, कितनी शर्मनाक और निंदनीय बात है। हर त्योहार और पर्व को मनाने का सिर्फ कर्मकांड नहीं होना चाहिए, बल्कि उसके इतिहास को जानना चाहिए, और उसके पीछे की भावना का सम्मान करना चाहिए, तभी हमारे पर्व-त्योहारों की मर्यादा बची रहेगी और भारत की सभ्यता-संस्कृति को चार चांद लग पाएंगे।
साथ ही हम एक सुसभ्य समाज बनने में भी सफल हो सकेंगे। भारत की महान सांस्कृतिक और नैतिक विरासत को बनाए रखने के लिए सभी त्योहारों को हंसी-खुशी मनाना चाहिए।