जानिए पर्वतासन करने से नहीं होती है ये बीमारी
ज़मीन पर मैट बिछाकर व्रजासन की मुद्रा में बैठ जाये,फिर दोनों हथेलियों को जोड़ते हुए नमस्कार की मुद्रा में रखते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथों को अपने चेस्ट तक ले आएं।
अब अपनी हथेलियों को आहिस्ता से सिर से ऊपर की तरफ ले जाएं,और हाथों को सीधा रखते हुए ऊपर की ओर खींचने का प्रयास करे.
इस दौरान हाथों का ऊपरी हिस्सा कानों के पास सटा हुआ होना चाहिए।पर्वतासन योग आसन में हमें शरीर की मुद्रा पर्वत की चोटी जैसी बनानी पड़ती है.
जो की बहुत ही सरल है, इस पर्वतासन से रीढ़ की हड्डी, कमर और पीठ पर सीधा असर होता है, और बेली फैट कम होने के साथ ही कमर, पीठ और शोल्डर में महसूस होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।