खाना पकाने के लिए प्रयोग किये जाने वाला ये तेल, दूर कर देगा हृदय संबंधित ये रोग

खाना पकाने के लिए ज्यादातर घरों में सरसों के तेल का प्रयोग किया जाता है। प्राचीन काल से प्रयोग हो रहे इस तेल के कई फायदे भी हैं बोस्टन स्थित हार्वर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन, नई दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और बेंगलुरु स्थित सेंट जॉन्स हॉस्पिटल द्वारा साल 2004 में करवाए गए संयुक्त अध्ययन की रिपोर्ट अमेरिकी जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित होने के बाद से सरसों तेल में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है।

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इस ऐतिहासिक शोध में भारत में लोगों के आहार की आदत और हृदय रोग से उसके संबंध का परीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि भोजन पकाने में मुख्य रूप से सरसों का उपयोग करने से कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) के खतरों में 71 फीसदी की कमी आई है। इससे सरसों तेल के अपरंपरागत उपभोक्ता भी सरसों तेल खाने लगे हैं।

सरसों तेल की झांस से श्वास नली की बाधा दूर करने में लाभ मिलता है और सरसों तेल का कश खींचने और छाती पर इससे मालिश करने से खांसी और जुकाम से भी निजात मिलती है। यह दमा रोग के मरीजों के लिए भी लाभकारी है।

कॉलेज ऑफ फिजिशियंस नामक जर्नल के एक शोध में पाया गया है कि सरसों तेल और शहद को समान रूप से मिलाकर बनाया गया मिश्रण दांत के परजीवी को नष्ट करने में कारगर होता है।

एक नए शोध में बताया गया है कि शुद्ध सरसों के तेल की झांस व खुशबू अलग ही होती है। ये गले को झनझना देती है और नाक से पानी निकलने लगता है। सरसों तेल की यही पहचान है।

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