क्लर्क बोला- साहब ! दफ्तर आने से पहले दबाने पड़ते हैं पत्नी कै पैर !
बांदा। साहब! दफ्तर आने के पहले मुझे रोज पत्नी के पैर दबाने पड़ते हैं। सबके लिए खाना बनाना पड़ते हैं। सबके कपड़े धोता हूं, बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजना पड़ता है, इसलिए लेट हो जाता हूं। आगे से ऐसा नहीं होगा।
देर से आने पर दिया गया नोटिस
दरअसल असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर चित्रकूट कार्यालय में तैनात आशुलिपिक अशोक कुमार को लगातार लेट आने पर 18 अगस्त को असिस्टेंट कमिश्नर एमएस वर्मा ने स्पष्टीकरण मांगा था। साथ ही चेतावनी दी गई थी कि स्पष्टीकरण न देने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस पर अशोक कुमार ने यह जवाब लिखकर दिया था।
कर्मचारी ने दिया यह जवाब
अपने स्पष्टीकरण में अशोक कुमार ने लिखा था कि मेरी पत्नी बीमार रहती है। तीन बच्चे हैं, तीनों के लिए नाश्ता तैयार कर स्कूल भेजना पड़ता है। पत्नी को नहला धुलाकर खाना बनाकर खिलाना पड़ता है। रोटी ठीक से नहीं बनती।
कभी दलिया तो कभी खिचड़ी खाकर पेट भरना पड़ता है। सब काम निपटाने के बाद ऑफिस के लिए निकलता हूं। रोड बहुत खराब है, जाम लग जाता है, इन सब कारणों से लेट हो जाता हूं। पर आगे गलती नहीं होगी।
अशोक कुमार का जवाब सुनकर असिस्टेंट कमिश्नर भी हतप्रभ रह गए। उन्होंने बताया कि कर्मचारी को चेतावनी दी गई है कि आगे से ऐसा न किया जाए।