किसानों के लिए खुशखबरी: इफको ने लांच किया यह नया प्रोडक्ट, कम दाम में मिलेगी बेहतर उपज व होगी पैसों की बचत

 

तरल खाद के द्वारा बेहतर उपज व आर्थिक बचत के उद्देश्य से #इफको ने लांच किया नया प्रोडक्ट

इफको ने शुरू किया नैनो DAP का परीक्षण, कृषि में क्रांति के साथ पर्यावरण संरक्षण की तरफ इफको ने बढ़ाया कदम

जनपद अम्बेडकर नगर के विकास खंड बसखारी के तीन गावों में शुरू हुआ नैनो डीएपी का ट्रायल

 

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल.

उत्तर प्रदेश के जनपद अम्बेडकर नगर के विकास खंड बसखारी के तीन गांवों में नैनो डीएपी का ट्रायल शुरू किया गया है। तरल खाद के द्वारा बेहतर उपज व आर्थिक बचत के उद्देश्य से इफको ने नया उत्पाद लांच किया है। इन उत्पादों से कृषि में क्रांति के साथ पर्यावरण संरक्षण की तरफ इफको ने कदम बढ़ाया है । तीनो ग्राम में नैनो उर्वरक के लिए खेत चिन्हित कर परीक्षण शुरु कर दिया गया है।

इफको क्षेत्र प्रबंधक विवेक त्रिवेदी, इफको विक्रय आधिकारी संजय सिंह यादव और सहायक अभिषेक नायक द्वारा परीक्षण के लिए चिन्हित खेतो में इफको के नैनो डीएपी का उपयोग फूल गोभी की फसल में शुरु करने के साथ दवा छिड़काव की विधि भी किसानों को बताया। सामान्य डीएपी के एक बोरे की जगह नैनो डीएपी की आधा खपत ही फसलो के लिए पर्याप्त है ।

 

इस खाद से जड़ उपचार व पर्णिव छिड़काव से शत प्रतिशत पौधो द्वारा ग्रहण व उपयोग कर लिया जाता है। इससे मिट्टी मे फास्फेट का स्थिरीकरण कम व सरकार के अनुदान राशि मे बचत व कम खर्च पर अधिक लाभ मिलेगा। जबकि सामान्यतः डीएपी उर्वरक का फसल में अवशोषण व उपयोग मात्र 30% ही हो पाता हैं तथा शेष 70% अघुलनशील तत्व के रूप में अनुपयोगी हो जाता है जिससे सम्पूर्ण खाद का उपयोग नहीं हो पाता है व मिट्टी में कड़ी सतह बन जाती है ।

 

जानिए कैसे करें नैनो DAP का उपयोग

 

इफको द्वारा नैनो डीएपी के प्रदर्शन में इसके उपयोग के बारे बताते हुए विवेक त्रिवेदी ने कहा – कि एक एकड़ फसल में 500 ml का उपयोग होता हैं l बीज अथवा जड़ उपचार में 50 लीटर पानी के साथ 250 एमएल नैनो उर्वरक का उपयोग होता है l 250 एमएल उर्वरक का प्रथम छिड़काव रोपाई के 25 से 30 दिन बाद 2 एमएल के साथ एक लीटर पानी की मात्रा की दर से छिड़काव करना चाहिए l एक एकड़ खेत में सामान्यतः एक बोरी डीएपी का उपयोग किसान द्वारा किया जाता है जबकि नैनो प्रक्षेत्र खेत के एक एकड़ मे 25 किलो डीएपी के साथ नैनो का उपयोग होता है ।

बचत का आकलन ग्राम सुलेमपुर मे किसान रितेश कुमार के खेत में तथा बेला परसा में विकास मौर्य एवं जिन्नापुर में सुनील मौर्य के एक-एक एकड़ खेत में प्रदर्शन कर किया गया। प्रदर्शन के दौरान प्रभारी राजकीय बीज भंडार बसखरी डॉ बृजेन्द्र कुमार भी उपस्थित रहे।

 

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