इस मीटिंग में मुख्यमंत्री का नाम तय होने के बाद लिए जाएंगे ये फैसले
बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय अभी नहीं हो पाया है। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को विधायक दल की मीटिंग में CM के नाम के लिए से स्वीकार कर लिया गया है। हालांकि विधायक दल ने राज्य के मुख्यमंत्री के नाम का तय करने का निर्णय कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ दिया है। इसके लिए राहुल गांधी गुरुवार को मध्य प्रदेश के नेताओं के साथ अहम मीटिंग दिल्ली में करेंगे। इसमें कमलनाथ व ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नेता शामिल होंगे।
इस मीटिंग में मंत्रिमंडल के नामों को लेकर भी चर्चा होने की आसार है। इसी मीटिंग में मुख्यमंत्री का नाम तय होने के बाद शपथ ग्रहण का समय भी तय हो जाएगा। मीटिंग के बाद कमलनाथ व ज्योतिरादित्य सिंधिया दोपहर में ही भोपाल लौट जाएंगे। बुधवार को हुई मीटिंग में कांग्रेस पार्टी विधायक दल ने मध्य प्रदेश में CM चयन करने का अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को दिया है। पार्टी के विधायकों ने बुधवार की शाम को इस आशय का एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया।
प्रदेश कांग्रेस पार्टी मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने बताया, ‘‘पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अधिकार दिया है कि वह CM के नाम पर अंतिम निर्णय करें। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ विधायक आरिफ अकील ने इस आशय का प्रस्ताव विधायकों की मीटिंग में रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। ’’ विधायकों की मीटिंग प्रदेश कांग्रेस पार्टी ऑफिस में लगभग दो घंटे तक चली इसके बाद पार्टी पर्यवेक्षकों के तौर पर यहां आए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी व कुंवर भंवर जितेन्द्र सिंह द्वारा विधायकों से अलग-अलग राय ली जा रही है।
ओझा ने बताया कि मीटिंग में कांग्रेस पार्टी को समर्थन दे रहे चार निर्दलीय विधायक भी मौजूद थे। प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ, वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव व विवेक तन्खा सहित अन्य नेता भी मीटिंग में मौजूद थे।
प्रदेश में 28 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के बाद बुधवार प्रातः काल मतगणना खत्म होने पर कांग्रेस पार्टी ने 114 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है जो कि बहुमत के आंकड़े 116 से मात्र दो सीटें कम है। वहीं प्रदेश में पिछले 15 वर्ष से सत्तारुढ़ दल बीजेपी 109 सीटें हासिल कर दूसरे जगह पर रही। प्रदेश में दो सीटों पर बसपा, एक समाजवादी पार्टी व चार सीटों पर निर्दलीयों ने विजय दर्ज की है। प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं।
इससे पहले बुधवार दोपहर को कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव व विवेक तन्खा ने गवर्नर आनंदीबेन पटेल से राजभवन में मुलाकात की व प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की गवर्नमेंट बनाने का दावा पेश किया।
प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के तौर पर कमलनाथ ने गवर्नर को सौंपे अपने लेटर में कहा, ‘‘विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी प्रदेश में सबसे बड़े दल के तौर पर सामने आई है व कांग्रेस पार्टी को बहुमत हासिल है। बसपा, सपा व निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्थन जाहीर किया है। ’’
उन्होंने गवर्नर से आग्रह किया कि कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में गवर्नमेंट बनाने का मौका दिया जाए। प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने राजभवन के बाहर बताया, ‘‘प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में बीएसपी के दो, सपा का एक व चार निर्दलीय के समर्थन से कांग्रेस पार्टी के पास समर्थन का कुल आंकड़ा 121 विधायकों का है। ’’