सातवें वेतन आयोग ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

सातवें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार को सिफारिशें सौंप दी हैं और इस पर आखिरी फैसला 31 दिसंबर तक होगा। माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग के आने से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तीन गुना तक बढ़ सकती है। वेतन आयोग में आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अफसरों के वेतन में एकरूपता रखना का भी प्रस्ताव रखा गया है।

भारतीय मिडिल क्लास का एक तिहाई हिस्सा सरकारी कर्मचारी हैं और सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट से भारतीय बाजार पर भी बहुत फर्क पड़ता है। वेतन आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार माथुर, सचिव मीना अग्रवाल, सदस्य डॉ. राथिन राय और विवेक राक ने यह रिपोर्ट तैयार की है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागु होने के बाद जहां केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी होगी, वहीं जल्द ही राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में भी बढ़ोत्तरी होने के उम्मीद है। 31 दिसंबर तक नए फ्रेम वर्क पर फैसला होगा और केंद्र सरकार जरूरत पड़ने पर बदलाव कर सकता है।

क्या है वेतन आयोग का प्रस्ताव

कर्मचारियों के लिए 33 साल की सेवा या 60 साल जो भी पहले हो, रिटायर करने का प्रस्ताव है।
30 साल की सेवा या 55 साल की उम्र में ग्रेडिंग के अनुसार वीआरएस का विकल्प दिया जा सकता है। आरोप लगने पर 55 साल की उम्र में वीआरएस ले सकते हैं अफसर। केंद्रीय कर्मचारियों के कक्षा पहली से दसवीं तक के बच्चों को 40 रुपए और 11वीं व 12वीं के बच्चों को हर महीने 50 रुपए शिक्षा भत्ता देने का प्रस्ताव है।

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