अगर आप भी हो रहे हो मोटापे का शिकार तो ये 5 हार्मोन्‍स भी हैं जिम्मेदार

आपके बढ़ते मोटापे के पीछे कहीं ये 5 हार्मोन्‍स तो नहीं जिम्मेदार?, ये है एक्सपर्ट की सलाहआपके बढ़ते मोटापे के पीछे कहीं ये 5 हार्मोन्‍स तो नहीं जिम्मेदार?

स्टार एक्सप्रेस

डेस्क. आज दुनियाभर में ज्यादातर लोग मोटापे की समस्या से परेशान हैं। जरूरत से ज्यादा मोटापा न सिर्फ व्यक्ति को बेडौल बनाता है बल्कि उसके आत्मविश्वास को भी उससे छीन लेता है। आप अगर यह सोचते हैं कि मोटापा सिर्फ खान-पान की गलत आदतों की वजह से आता है तो आप गलत है। बता दें, मोटापा डाइट से जुड़ी लापरवाही, वर्कआउट की कमी के अलावा हार्मोन्स के असंतुलित होने की वजह से भी आता है। जिसकी वजह से व्यक्ति की नींद, सेक्स लाइफ, मूड के अलावा मोटापा तक प्रभावित होता है। आइए जानते हैं आपके बढ़ते मोटापे के पीछे कौन से 5 हार्मोन्‍स जिम्मेदार हैं।

न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल कहते हैं कि जब आपका पेट भरा हुआ होता है तो लेप्टिन हार्मोन इस बात का संकेत व्यक्ति को दे देता है। लेकिन, चीनी की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ जैसे मिठाई, कैंडी, चॉकलेट, फ्रुक्टोज युक्त फल खाने से फैट विशेष रूप से व्यक्ति के लीवर और पेट के आसपास जमा होने लगता है। इसके अलावा, इस तरह के खाद्य पदार्थ आपके शरीर को लेप्टिन के प्रति असंवेदनशील बना देते हैं। जिससे मस्तिष्क को अधिक भोजन न करने का संकेत नहीं मिल पाता है। जिसकी वजह से आपका वजन बढ़ने लगता है।

लेप्टिन हॉर्मोन-

हमारे शरीर में लेप्टिन हॉर्मोन का काम ब्रेन को यह संकेत देना होता है कि आपका पेट भरा हुआ है कि नहीं, लेकिन जब हम जंक फूड अधिक खाना शुरू कर देते हैं तो इनमें मौजूद फ्रुक्टोज फैट में परिवर्तित होना शुरू हो जाता है। यह फैट आपके लीवर, बेली के आस पास जमा हो जाता है और इनकी अधिकता के कारण ब्रेन खाना बंद करने वाले संकेतों को इग्नोर करने लगता है। जो वजन बढ़ने का एक कारण हो सकता है।

इंसुलिन हॉर्मोन-

इंसुलिन आपके शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज ले जाने में मदद करता है जिसे एनर्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। रक्‍त में अगर इंसुलिन का स्‍तन बढ़ने लगे तो वजन बढ़ने और टाइप 2 डायबिटीज की समस्‍या पैदा होने लगती है।

थायराइड-

थायरॉइड ग्रंथि तीन हार्मोन का उत्पादन करती है: टी 3, टी 4 और कैल्सीटोनिन। कभी-कभी थायराइड इन हार्मोन की सही मात्रा का उत्पादन नहीं करता है और इससे हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। हाइपोथायरायड कब्ज, थकान, अवसाद और अन्य लक्षणों से जुड़ा होता है। हालांकि, यह शरीर का वजन भी बढ़ाता है।

कोर्टिसोल-

कोर्टिसोल एक स्टेरॉयड हार्मोन है जो मुख्य रूप से तब सिक्रीट होता है जब हम स्‍ट्रेस, डिप्रेशन, गुस्‍से या शारीरिक रूप से घायल होते हैं। इसका लेवल बढ़ने से बार बार भूख लगती है जिसकी वजह से वजन बढ़ता है।

टेस्टोस्टेरोन-

टेस्टोस्टेरोन बॉडी का फैट जलाकर मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। उम्र और तनाव बढ़ने की वजह से इस हार्मोन का लेवल कम हो सकता है, और ऐसा होने पर शरीर का मोटापा बढ़ने लगता है।

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