कन्फ्यूजन को दूर करें कि महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनेगी या 19 फरवरी को ?

स्टार एक्सप्रेस/ संवाददाता

महाशिवरात्रि कब है 

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को बेहद खास महत्व है इस दिन लोग भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है लेकिन इस साल इसकी तिथि को लेकर थोड़ा कन्फ्यूजन है आइए जानते हैं कि शिवरात्रि का महापर्व किस दिन मनाया जाएगा।

महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और पार्वत का विवाह संपन्न हुआ था ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का धरती पर प्राकट्य हुआ था इस दिन लोग भगवान भोलेनाथ की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है इस दिन व्रत रखने का भी विधान है शिवरात्रि का मुख्य पर्व फाल्गुन महीने और श्रावण के महीने में आता है फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है हालांकि इस साल की महाशिवरात्रि की तिथि को लेकर कुछ लोग दुविधा में हैं आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की सही तिथि क्या है।

हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि की शुरुआत 18 फरवरी को रात 08 बजकर 03 मिनट पर होगी और इसका समापन रविवार 19 फरवरी को शाम 04 बजकर 19 मिनट पर होगा चूंकि महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है इसलिए यह त्योहार 18 फरवरी को ही मनाना उचित होगा इस दिन निशिता काल का समय रात 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा शिवरात्रि में जो रात का समय होता है उसमें चार पहर की पूजा होती है।

प्रथम पहर – इसका समय शाम 06 बजकर 41 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 47 मिनट तक रहेगा इस पूजा में शिव जी को दूध अर्पित करते हैं. साथ ही जल की धारा से उनका अभिषेक किया जाता है

दूसरा पहर – इसका समय रात 09 बजकर 47 बजे से रात 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा. इस पूजा में शिव जी को दही अर्पित की जाती है साथ ही जल धारा से उनका अभिषेक करना चाहिए।

तीसरा पहर – इसका समय रात 12 बजकर 53 मिनट से 03 बजकर 58 मिनट तक रहेगा इस पूजा में शिव जी को घी अर्पित करना चाहिए इसके बाद जल धारा से उनका अभिषेक करना चाहिए।

महाशिवरात्रि कि पूजा

महाशिवरात्रि पर सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें इसके बाद शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करे गन्ने के रस, कच्चे दूध या शुद्ध घी से शिवलिंग का अभिषेक करें फिर महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, फूल, मिठाई, मीठा पान, इत्र आदि अर्पित करें इसके बाद वहीं खड़े होकर शिव चालीसा का पाठ करें और शिव आरती गाएं

महाशिवरात्रि के दिन भूलकर भी न करें ये काम

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी दल यानी तुलसी का पत्ता न चढ़ाएं इस दिन व्रती लोगों को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए आप फलाहार व्रत रख सकते हैं शिवजी की पूजा में केतकी और चंपा फूल ना चढ़ाएं शिवजी को टूटे चावल भी अर्पित न  करें शिव या शिवलिंग को सिंदूर भी नहीं चढ़ाना चाहिए इस दिन क्रोध बिल्कुल न करें और किसी के लिए मुंह से अपशब्द न बोले

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