Raibarely News: नगर पालिका प्रत्याशी से स्पष्ट होगा अखिलेश यादव का दलित प्रेम

जेबी या पिछलग्गू को ना बनाएं अध्यक्ष पद का प्रत्याशी

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

 स्वतंत्र व्यक्तित्व को टिकट देना ही कांशीराम जी के लिये होगी सच्ची श्रद्धांजलि!

रायबरेली। पिछले कुछ चुनावी परिणामों को देखा जाए तो बसपा का राजनैतिक भविष्य मरणासन्न हो गया है ऐसे में बसपा के काडर वोट दलित वर्ग को समाजवादी पार्टी अपने साथ जोड़ने में जुट गयी है बसपा के मतदाताओं को हाँथी से उतार कर साइकिल पर सवार करने के लिए समाजवादी पार्टी ने किसी ज़माने में बसपा के बड़े और कद्दावर रहे नेताओं को अपने साथ जोड़ लिया है।

अपने आपको बहुजन नायक कांशीराम का अनुयायी बताने के लिए ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण कर दलित वर्ग को यह सन्देश दिया है कि बहुजन नायक कांशीराम की विचारधारा की विरासत को आगे बढ़ाने वाला दल केवल समाजवादी पार्टी ही है। इसी को लेकर 80 के दशक में मान्यवर कांशीराम के साथ कदम से कदम मिला कर बहुजन समाज को जागरूक करने वाले डीएस फोर के मण्डल कोर्डिनेटर रहे जवाहर लाल ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव में प्रत्याशी चयन से अखिलेश यादव के दलित प्रेम की असली अग्नि परीक्षा होगी। रायबरेली नगर पालिका की सीट अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित हुई है।

जवाहर लाल ने कहा है कि ऐसे में समाजवादी किसे अपना प्रत्याशी बनाती है ? इस बात से स्पष्ट होगा कि समाजवादी पार्टी का दलितों के प्रति प्रेम कितना वास्तविक है ? जवाहर लाल ने यह भी कहा है कि मान्यवर कांशीराम जी हमेशा चाहते थे कि दलित और शोषित समाज के लोग स्वछन्द रूप से अपने पैरों पर खड़े होकर बाबा साहब के दिए हुए संविधान का वास्तविक लाभ ले कर आगे बढ़े ना कि किसी का रबर स्टाम्प बने , भाजपा और कांग्रेस ने भी दलितों और शोषितो का हितैषी बनने का ढोंग किया है, जब भी राजनैतिक हिस्सेदारी देने की बात आती है तो इन दोनों दलों ने हमेशा ही सुरक्षित सीटों पर उस व्यक्ति को चुनाव में प्रत्याशी बनाया है जो किसी मनुवादी या सामंतवादी का पिछलग्गू या जेबी रहा है।

अब देखना यह है कि क्या अखिलेश यादव जी रायबरेली सीट के लिए किसी स्वतंत्र व्यक्तित्व वाले व्यक्ति को प्रत्याशी बनाते है या समाजवादी पार्टी भी भाजपा वा कांग्रेस की तरह किसी बड़े नेता की चाकरी करने वाले को चुनाव लड़वाती है ? रायबरेली नगर पालिका सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी चयन से ही पार्टी के दलितों के हितैषी होने की वास्तविक सोच स्पष्ट हो जाएगी।

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