भारत में मंकीपॉक्स का बढ़ रहा प्रकोप, जानिय अब तक के नए केस की संख्या

मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी के शरीर में चकत्ते, बुखार, सुस्ती, सिरदर्द और लिम्फ नोड्स की सूजन जैसे लक्षण मिले हैं। दिल्ली में एक और केरल में मंकीपॉक्स के 3 केस सामने आए।

स्टार एक्सप्रेस

डेस्क. भारत में मंकीपॉक्स के 4 मामले सामने आने के बाद लोगों के बीच डर का माहौल बना हुआ है। केरल और दिल्ली के बाद अब तेलंगाना में भी मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज मिला है। दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए पहले मरीज की हालत स्थिर बताई जा रही है, हालांकि उन्हें दर्दनाक घाव हुए थे। दिल्ली के रहने वाले 34 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे करीब तीन दिन पहले लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP) में आइसोलेट कर दिया गया। संक्रमित व्यक्ति का विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है, लेकिन उसने घरेलू यात्रा की थी।

दिल्ली में संक्रमण का मामला सामने आने के बाद देश में संक्रमित पाए गए मरीजों की कुल संख्या चार हो गई है। इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आए थे।

तेलंगाना में भी संदिग्ध केस

तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में विदेश से लौटे एक 40 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे हैं। जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दिए थे, वो 6 जुलाई को कुवैत से आया था और 20 जुलाई को उसे बुखार हो गया था। शरीर में चकत्ते होने के बाद व्यक्ति को कामारेड्डी जिले के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज से सैंपल लेने के बाद उसे NIV पुणे भेजा जाएगा और तब तक मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।

मंकीपॉक्स के क्या हैं लक्षण?

मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी के शरीर में चकत्ते, बुखार, सुस्ती, सिरदर्द और लिम्फ नोड्स की सूजन जैसे लक्षण पाए गए हैं। WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स चेचक की तरह संक्रामक नहीं है और इससे गंभीर बीमारी नहीं होती है। वायरस से संक्रमण से लक्षणों की शुरुआत तक की अवधि 6 से 13 दिनों तक होती है। हालांकि, यह कभी-कभी 5 से 21 दिनों के बीच भी हो सकता है। इसके लक्षण 2- 4 हफ्ते तक भी रह सकते हैं. त्वचा का फटना आमतौर पर बुखार आने के एक से तीन दिनों के बाद होता है। चेहरे और शरीर के दूसरे अंगों पर चकत्ते अधिक दिखाई देते हैं। चकत्ते चेहरे को प्रभावित कर सकते हैं। 75 फीसदी मामलों में यह हाथ की हथेलियों और पैरों के तलवों को प्रभावित करते हैं।

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस?

मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति या जानवर के माध्यम से मनुष्यों में फैल सकता है। यह वायरस दूषित सामग्री से भी फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकले तरल पदार्थ, घाव, सांस की बूंदों और बिस्तर जैसी सामग्री के निकट संपर्क में आने से भी मंकीपॉक्स वायरस फैल सकता है। जानवरों से इंसान में वायरस का संचरण संक्रमित जानवर के ब्लड, शारीरिक तरल पदार्थ, या जख्मों के सीधे संपर्क में आने से हो सकता है। गिलहरी, और बंदरों की कई प्रजातियों सहित कई जानवर इस वायरस से संक्रमित मिले हैं। स्टडी में ये भी पता चला है कि करीब 95 फीसदी लोग यौन संबंधों के दौरान एक दूसरे से संक्रमित हुए।

यौन संपर्क से संक्रमण का कितना खतरा?

स्टडी में ये बात सामने आई है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित ज्यादातर मामलों में यौन संपर्क देखा गया है। मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले पुरुषों में देखे गए हैं। पुरुषों और LGBTQ समुदाय के साथ यौन संबंध रखने वाले लोगों को संक्रमण होने का ज्यादा खतरा है। लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के नए शोध में 27 अप्रैल से 24 जून, 2022 के बीच 16 देशों में 528 मंकीपॉक्स संक्रमणों का अध्ययन किया गया था। कुल मिलाकर 98 फीसदी संक्रमित लोग समलैंगिक या बाईसेक्सुअल पुरुष थे। 41 फीसदी संक्रमित मरीजों को एचआईवी (HIV) था और उनकी औसत आयु 38 साल के करीब थी। हालांकि विशेषज्ञ मंकीपॉक्स को सिर्फ यौन संचारित संक्रमण नहीं मानते हैं। ये किसी भी तरह के निकट शारीरिक संपर्क के जरिए संक्रमण हो सकता है।

मंकीपॉक्स संक्रमण से बचाव कैसे?

अपर्याप्त रूप से पका हुआ मांस और दूसरे पशु उत्पादों को खाने से बचें
मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित लोगों से शारीरिक दूरी बनाकर रहें
संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर, कपड़े और निजी सामान का इस्तेमाल न करें
मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित जानवरों से दूरी बनाकर रखें
मंकीपॉक्स से बचने के लिए सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करें
दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स से बचाव के लिए चेचक का टीका यानी वैक्सीनेशन किया जा रहा है.
किसी में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दें तो घबराएं नहीं, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
मध्य और पश्चिम अफ्रीका से लौटे लोगों के संपर्क में आने से बचें.
विदेश यात्रा करने से बचें और अगर करना जरूरी हो तो सावधानी रखें
साफ सफाई का ध्यान रखें, संक्रमित लोगों के संपर्क में आने पर साबुन से हाथ धोना चाहिए
मंकीपॉक्स संक्रमण से बचने के लिए मास्क (Mask) और सैनेटाइजर का भी इस्तेमाल करें

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