ट्विटर ब्लू टिक के लिए जानिए क्या है सबसे आसान ट्रिक

ट्विटर ने उन अकाउंट्स से ब्लू टिक हटा दिए हैं, जो ट्विटर ब्लू के लिए भुगतान नहीं कर रहे हैं और इनमें कई पब्लिक फिगर्स के अकाउंट्स भी शामिल हैं

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

डेस्क: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Twitter का मालिकाना हक खरीदने के बाद से ही नए CEO एलन मस्क इसमें ढेरों बदलाव कर रहे हैं। कुछ बदलावों का असर सीधे तौर पर यूजर्स पर पड़ा है और वे मस्क की आलोचना कर रहे हैं। इन्हीं में से एक फैसला लेगेसी ब्लू टिक हटाने का है और ढेरों सेलिब्रिटीज के अकाउंट पर दिख रहा ब्लू टिक हटा दिया गया है। मजे की बात यह है कि अब कोई भी पैसे देकर ब्लू टिक खरीद सकता है और उसका अकाउंट वेरिफाइ हो सकता है।

मुस्क पैरोडी अकाउंट्स और मीम पेजेस तक को वेरिफिकेशन दे रहे हैं, जो बात ट्विटर यूजर्स को परेशान कर सकती है।ट्विटर पर आपके कितने भी फॉलोअर्स हों, आपने किसी भी नाम से अकाउंट बनाया है, अगर आप ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन के लिए भुगतान कर रहे हैं तो फोन नंबर वेरिफाइ करने भर से आपको ब्लू टिक मिल जाएगा। इस सब्सक्रिप्शन प्लान का नुकसान यह हुआ है कि पैरोडी अकाउंट्स से लेकर ट्विटर ट्रोल्स तक सभी के पास अब ब्लू टिक मौजूद है। वहीं, 20 अप्रैल से उन पब्लिक फिगर्स और सेलिब्रिटीज के अकाउंट्स से ब्लू टिक हटा दिया गया है, जो ट्विटर ब्लू के लिए भुगतान नहीं कर रहे हैं।

प्लेटफॉर्म पर असली-नकली का अंतर खत्म ट्विटर पर ब्लू टिक की मदद से पहले आसानी से किसी भी अकाउंट का असली होना पक्का किया जा सकता था और वेरिफिकेशन का मतलब भी यही था। एक ही नाम के कई लोग हो सकते हैं, ऐसे में एक ही नाम के ढेरों अकाउंट्स ब्लू टिक भी खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, शाहरुख खान के असली अकाउंट से अब ब्लू टिक हटा दिया गया है और शाहरुख खान नाम का दूसरा कोई भी यूजर अपने अकाउंट पर ब्लू टिक खरीद सकता है। ऐसे में असली अकाउंट की पहचान आसानी से नहीं की जा सकेगी। फेक सेलिब्रिटी अकाउंट बनाकर अब कोई भी वेरिफाइड हो सकता है।

कोई ID वेरिफिकेशन नहीं करवाता है ट्विटर

सबसे जरूरी है किसी भी अकाउंट को ब्लू टिक देने से पहले उसकी पहचान सुनिश्चित करना। ऐसा आसानी से किसी गवमेंट ID की मदद से किया जा सकता है लेकिन ट्विटर पर ब्लू टिक खरीदने के लिए अपनी असली पहचान बताना भी जरूरी नहीं है। यानी कि आप किसी भी नाम से नया अकाउंट बनाकर उसपर वेरिफिकेशन बैज खरीद सकते हैं। इससे जुड़ी बड़ी परेशानी यह है कि अकाउंट के पीछे छुपे किसी चेहरे का पता तक नहीं चलेगा और वह फर्जी नाम के साथ ब्लू टिक वाले अकाउंट्स से ट्वीट कर सकता है। यह फैसला ब्लू टिक का मकसद खत्म कर रहा है।

ब्लू टिक का असली मकसद खत्म हो गया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सबसे पहले ब्लू टिक या वेरिफिकेशन बैज केवल इसीलिए लाए गए थे, जिससे बड़े फॉलोअर बेस वाले अकाउंट्स की पहचान आसानी से की जा सके और उनके नाम वाले फेक अकाउंट्स ना बन सकें। मस्क की ओर से किए गए बदलाव ने इस पूरी सिस्टम की बैंड बजा दी है। अब ट्विटर ट्रोल्स और पैरोडी अकाउंट्स आसानी से ब्लू टिक खरीद सकते हैं और किसी भी सेलिब्रिटी के नाम से ट्वीट कर सकते हैं। शुरुआत में इस परेशानी के चलते कई कंपनियों और सिलेब्स को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा था लेकिन मस्क ने अपनी मनमानी की और फैसले पर टिके हुए हैं।

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