थम नहीं रहा कोरोना का प्रकोप, 24 घंटे के 11,692 केस मिले, 28 की गई जान

पिछले 24 घंटों में 19 11,692 नए मामले सामने आए हैं, 28 संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है, एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 66,170 हो गई है

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

दिल्ली: भारत में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। लगातार मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को बीते दिन से सात फीसदी केस कम रिपोर्ट किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि पिछले 24 घंटों में कोविड-19 11,692 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 28 संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है, जिसके बाद कुल मौत का आंकड़ा 5,31,258 के पार पहुंच गया है। इस समय देश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 66,170 हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अबतक कोरोना के 4,48,69,684 केस रिपोर्ट किए गए हैं। फिलहाल एक्टिव केस कुल संक्रमण का 0.15 फीसदी हैं और कोविड-19 रिकवरी रेट 98.67 फीसदी है। वहीं, वायरस से उबरने वालों की संख्या बढ़कर 4,42,72,256 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.18 फीसदी दर्ज की गई। कोरोना पर काबू पाने के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया, जिसके तहत अभी तक देश में कोविड वैक्सीन के 220.66 करोड़ डोज लगाए गए हैं।

तेजी से क्यों फैल रहा है कोरोना वायरस?

डॉक्टरों के मुताबिक कि कोविड-19 का नया XBB.1.16 वैरिएंट मामलों में तेजी से बढ़ोतरी कर सकता है। WHO की रिपोर्ट का कहना है कि भारत में XBB.1.16 या आर्कटुरस ने अन्य वैरिएंट को रिप्लेस कर दिया है।  XBB.1.16 वैरिएंट ओमिक्रॉन का एक सब वैरिएंट है।  डॉक्टरों का कहना है कि इस वैरिएंट से लोगों का एम्यून सिस्टम बचने में सक्षम है और किसी भी तरह की घबराने वाले स्थिति नहीं है।

कोरोना के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है। घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें। अगर बुखार, गले में खराश, नाक बहना, खांसी, शरीर में दर्द, माइलियागिया (मांसपेशियों में दर्द या खुजली) थकान और डायरिया जैसे लक्षण दिखाई दें तो तत्काल प्रभाव से डॉक्टर से संपर्क करें।

गंभीर COVID केस के लक्षण

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, गंभीर COVID संक्रमण आपको परेशान कर सकता है। यहां तक अस्पताल में भर्ती होने का आवश्यकता पड़ सकती है। इनके लक्षण की बात की जाए तो सांस लेने में कठिनाई, कम ऑक्सीजन सेचुरेशन और रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस शामिल है।

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