अतीक अहमद का बस्ती से था 21 महीने का कनेक्शन, यूं बढ़ाया था अपना नेटवर्क

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

बस्ती: माफिया अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed) उत्तर प्रदेश की बस्ती जेल में करीब 21 महीने तक बंद रहा था। उसने यहां रहने के दौरान अपना नेटवर्क मजबूत किया बताया जा रहा है कि जेल में माफिया दरबार लगाता था, कई सफेदपोश हाजिरी लगाने पहुंचते थे। यहीं रहने के दौरान उसने पूजा पाल के खिलाफ अपना दल पार्टी से चुनाव लड़ा था।

उत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया और गैंग 227 के लीडर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को बीते शनिवार को प्रयागराज में गोली मार कर हत्या कर दी गई। गैंगस्टर अतीक अहमद का बस्ती जनपद से भी काफ़ी गहरा लगाव रहा है। उसने यहां पर एक नहीं दो नहीं पूरे के पूरे 21 महीने का वक्त काटा था। जिससे बस्ती से अतीक का काफी गहरा लगाव भी हो गया था।

यहीं से लड़ा था चुनाव

अतीक अहमद बस्ती जिला जेल में रहते हुए ही 2012 में अपना दल पार्टी से विधानसभा चुनाव में इलाहाबाद पश्चिम से नामांकन दाखिल किया था और चुनाव भी लड़ा था। लेकिन मतदान के कुछ दिन पहले ही अतीक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। हालांकि उस चुनाव में अतीक को राजू पाल की पत्नी पूजा पाल से हार का सामना करना पड़ा था।

बड़ा नेटवर्क तैयार कर रहा था अतीक

वरिष्ठ पत्रकार पारस नाथ मौर्य ने बताया कि बस्ती जिला जेल में रहते हुए अतीक ने अपना नेटवर्क और मजबूत किया था. यहां पर उसके मिलने वालों का तांता लगा रहता था, चाहे वो सफेद पोश हो, व्यापारी हों या अधिकारी सब के सब अतीक के दरबार में हाजरी लगाते थे। यही नहीं अन्य प्रदेश से भी लोग अतीक अहमद से मिलने बस्ती जिला जेल आया करते थे।

एक समय प्रयागराज में बोलती थी, तूती आज घर में सन्नाटा!

अतीक अहमद और उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन के पांच बेटे हैं। बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में बंद है। दूसरा बेटा अली प्रयागराज की नैनी जेल में है। तीसरा बेटा असद 13 अप्रैल को मुठभेड़ में एसटीएफ के हाथों मारा गया। अतीक के बाकी दो बेटे अभी नाबालिग हैं, जो बालसुधार गृह में हैं। कहा जाता है कि एक समय प्रयागराज में अतीक अहमद की तूती बोलती थी, और आज उसके घर में सन्नाटा पसरा है।

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