पीरियड्स के दौरान क्यो होती है रैशेज की शिकायत, जानने के लिये पढ़े पूरी खबर
अक्सर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को रैशेज पड़ जाते हैं, हालांकि कुछ ही दिन में ये खत्म भी हो जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है इसके पीछे की वजह क्या है।
स्टार एक्सप्रेस
डेस्क. महिलाओं के लिए पीरियड्स के वो 5 से 7 दिन काफी मुश्किल भरे होते हैं। दर्द, हेवी फ्लो, चिड़चिड़ा हट मूड स्विंग्स और ना जाने कितने तरह की असुविधा महसूस होती है। इस दौरान महिलाएं कई तरह से भावनात्मक और शारीरिक परेशानियों का सामना करती हैं। कुछ लड़कियों को यह भी शिकायत होती है कि पीरियड्स (Periods) के दौरान उन्हें सीने पर रैशेज और हाइव्स पड़ जाते हैं। हालांकि इस दौरान ऐसा होना सामान्य सी बात है लेकिन अगर ये ज्यादा हो रहा है आपको तो इसे नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए. खासतौर पर अगर आपके सीने पर धब्बे रैशेज हो रहे हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है चलिए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है।
क्या होता है प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन?
प्रोजेस्ट्रॉन (progesterone) एक हार्मोन है जो महिलाओं के शरीर में पाया जाता है यह महिलाओं के गर्भाशय में एस्ट्रोजन के लेवल को कम करके हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के रूप में काम करता है। इसी के कारण महिलाओं को पीरियड होते हैं। यह मेंस्ट्रूअल साइकिल को रेगुलेट करने में मददगार है.डॉक्टर्स के मुताबिक प्रोजेस्टेरोन हाइपरसेंसटिविटी के कारन स्किन रिएक्शन होता है यह आमतौर पर मेंस्ट्रूअल साइकिल के दौरान होता है।
इसके लक्षण पीरियड से करीब 3 से 10 दिन पहले होना शुरू हो जाता है लेकिन यह पीरियड खत्म होते ही चले जाते हैं, उसके लक्षणि में सूजन खुजली फ्लैकी पैच शामिल है.अक्सर महिलाएं इसके बारे में बात करने से कतराती हैं, उन्हें रैशेज और चकत्ते के बारे में बात करना शर्मनाक लगता है, लेकिन ऐसे में परेशानी बढ़ सकती है और नियमित रूप से जीवन प्रभावित हो सकता है क्यों कि कई महिलाओं में ये ज्यादा गंभीर हो सकता है।
प्रोजेस्टेरोन (progesterone) बढ़ने पर भी होती है ये समस्या
आपको बता दें कि पीरियड के खत्म होने के बाद ओव्यूलेशन के बाद प्रोजेस्ट्रोन का स्तर धीरे-धीरे करके बढ़ने लगता है। जब शरीर में इसका स्तर बढ़ जाता है तो इसके लक्षण प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम जैसे ही होते हैं। इस दौरान ब्रेस्ट में सूजन डिप्रेशन थकान और वजन बढ़ना भी शामिल है।
कैसे करें चकत्ते का इलाज
जिन महिलाओं को पीरियड के दौरान हाइव्स होते हैं, उनमें ऑटोइम्यून प्रोजेस्ट्रोन डर्मेटाइटिस होने की संभावना होती है. एपीडी एक दुर्लभ स्थिति है, क्योंकि किसी के पीरियड, पित्ती एग्जिमा से जुड़े होते हैं। ऐसे में स्टीरॉइड या एंटीहिस्टामाइन जैसी खुजली रोधी क्रीम लगाने की डॉक्टर सलाह देते हैं। अगर ऐसी कोई भी समस्या आपके साथ हो रही है तो आपको अपने फीमेल डॉक्टर से बात करनी चाहिए ताकि वक्त रहते ही बीमारी को पकड़कर इसका इलाज किया जा सके।