MEA: पन्नू की हत्या के मामले में, आखिर क्यों अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट पर भड़का विदेश मंत्रालय

स्टार एक्सप्रेसः-

संवाददाता-

MEA: पन्नू की हत्या के मामले में, आखिर क्यों अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट पर भड़का विदेश मंत्रालय
सार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ‘रिपोर्ट में एक गंभीर मामले पर बुनियाद और अनुचित आरोप लगाए गए हैं। अमेरिकी सरकार ने संगठित अपराध, आतंकवाद और अन्य को लेकर जो सुरक्षा चिंताएं साझा की हैं, उनकी भारत सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच की जा रही है।’

विस्तार
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी मीडिया की उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का अधिकारी शामिल है। दरअसल अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट में अज्ञात सूत्रों के हवाले से एक रॉ अधिकारी के नाम का खुलासा किया गया है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पन्नू की हत्या की साजिश में यही अधिकारी संलिप्त था। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कथित रॉ अधिकारी ने ही गुरपतवंत सिंह पन्नू के न्यूयॉर्क स्थित घर का पता और अन्य जरूरी जानकारी मुहैया कराईं थी।
विदेश मंत्रालय ने आखिर क्यों नाकारे  आरोप
मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन रिपोर्ट्स को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ‘रिपोर्ट में एक गंभीर मामले पर बेबुनियाद और अनुचित आरोप लगाए गए हैं।

अमेरिकी सरकार ने संगठित अपराध, आतंकवाद और अन्य को लेकर जो सुरक्षा चिंताएं साझा की हैं, उनकी भारत सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच की जा रही है।’ जायसवाल ने कहा कि गैरजिम्मेदाराना और सिर्फ अनुमानों के आधार पर टिप्पणी करने से कोई मदद नहीं मिलेगी।
भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी से हुआ था खुलासा
बीते साल नवंबर में अमेरिका के संघीय अभियोजक ने आरोप लगाए थे कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ मिलकर सिख कट्टरपंथी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को अमेरिका में ही मारने की योजना बनाई थी। इस मामले में निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था।

गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। आरोपों को बाद भारत सरकार भी मामले की उच्च स्तरीय जांच कर रही है। बीते साल 7 दिसंबर को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा था कि अमेरिका से मिले इनपुट के आधार पर भारत ने इस मामले की जांच के लिए एक जांच समिति बनाई है क्योंकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम है।

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