सामने आई चीन की काली करतूत, कोरोना वायरस अटैक की चेतावनी देने वाले डॉक्टर के साथ ऐसे करी थी बेरहमी
कोविड-19 वायरस के हालात की जांच के लिए अगले महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की टीम चीन जाएगी। जिस समय इस टीम के चीन दौरे की पुष्टि हुई, उसी समय अमेरिकी वेबसाइट प्रोपब्लिका.कॉम और अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने ये खुलासा किया है कि चीन में वायरस के सामने आने के बाद उसकी गंभीरता को जाहिर ना होने देने की नियोजित कोशिश वहां की सरकार ने की थी।
34 वर्षीय वेनलियांग ने अन्य डॉक्टरों को महामारी के बारे में चेतावनी देने की कोशिश की थी और उनकी वुहान में कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई. वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में वुहान में कोरोना वायरस के सामने आने की जानकारी दी थी.
वेनलियांग ने अपने चिकित्सा महाविद्यालय के साथियों को चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर बताया था कि स्थानीय सी फूड बाजार से आए सात मरीजों का सार्स जैसे संक्रमण का इलाज किया जा रहा है और उन्हें अस्पताल के पृथक वार्ड में रखा गया है.
उन्होंने बताया कि परीक्षण में साफ हुआ है कि यह विषाणु कोरोना वायरस समूह का है. इसी समूह के सीवियर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम (सार्स) विषाणु भी है जिसकी वजह से 2003 में चीन एवं पूरी दुनिया में 800 लोगों की मौत हुई थी.