सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन में सहयोग करने वालों को किया सम्मानित, जानिए क्या है आगे की रणनीति…

अंकुश यादव

लखनऊ. कृषि क़ानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार आवाज उठा रहे हैं।

इसी क्रम में अखिलेश यादव ने बुधवार को किसान आंदोलन में सहयोग करने वाले लोगों को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पर सम्मानित किया।

अखिलेश यादव ने ट्विटर पर फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि – “उनका सम्मान करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूँ जो दिल्ली के सिंघु, टीकरी व ग़ाज़ीपुर बार्डर पर आंदोलनरत किसानों के भोजन-पानी के लिए महीनों से लंगर का प्रबंध कर रहे हैं।

ऐसे सच्चे सेवाजीवियों के जीवन से भाजपा की अहंकारी सरकार को जनहित व जनकल्याण का सबक सीखना चाहिए।”

किसान आंदोलन के मसले पर समाजवादी पार्टी खुलकर किसानों के समर्थन में है। किसी समय किसान आंदोलन के लिए चर्चित रहे टप्पल (अलीगढ़) से किसानों के समर्थन में अखिलेश यादव ने किसान पंचायत की शुरूआत कर दी है।

किसान पंचायत पर आगे की रणनीति

टप्पल ही नहीं अखिलेश किसान आंदोलन का कभी केंद्र रहे बाजना (मथुरा) में 19 मार्च को किसान पंचायत को संबोधित करेंगे। इसके अलावा मेरठ जिले के मवाना और कासगंज में किसान पंचायत की रूप रेखा बनाई जा रही है। कासगंज की किसान पंचायत में सपा की सहयोगी महान दल के प्रमुख केशव देव मौर्य भी अखिलेश के साथ मंच शेयर कर सकते हैं।

किसान और जवान से विधानसभा 2022 का रास्ता 

पश्चिम यूपी में किसान और जवान(नवयुवकों) की काफी संख्या है। यहां की राजनीतिक दशा और दिशा जाट और मुस्लिम समुदाय तय करता है। किसान आंदोलन में दोबारा से आई जान के बाद चौधरी अजित सिंह के बेटे व RLD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी अपने खोए हुए जनाधार खासकर जाट समुदाय को वापस लाने के लिए सक्रिय हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिले और कस्बे में RLD नेता जयंत चौधरी किसान महापंचायत कर जाट समुदाय को सियासी संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।

पश्चिम यूपी के तमाम जगहों पर किसान पंचायत के जरिए अखिलेश यादव बीजेपी और योगी सरकार पर हमला करने के साथ-साथ 2022 के राजनीतिक समीकरण साधने की कवायद करेंगे। हालांकि, इसमें वो कितना कामयाब होंगे यह तो वक्त ही बताएगा।

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