संकट भरे दिनों से छुटकारा पाने के लिए हवन के साथ दिए गए मंत्र का करें जाप

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : हर साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि धूमावती जयंती के रूप में मनाया जाता है। धूमावती माता महादेव द्वारा प्रकट की गई दस महाविद्याओं में से एक हैं। मां धूमावती पार्वती माता का उग्र स्वरूप माना जाता है। उनका स्वरूप बड़ा मलिन और भयंकर है। मां धूमावती सफेद वस्त्र धारण करती हैं और कौआ पर सवार होती हैं। उनकी पूजा विधवा के रूप में की जाती है क्योंकि माता ने भूख से आतुर होकर शिव जी को ही निगल लिया था।

 

 

 

मां धूमावती के दर्शन से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। पापियों को दण्डित करने के लिए वे अवतरित हुई थी। ऋषि दुर्वासा, भृगु, परशुराम की मूल शक्ति धूमावती माता ही हैं। इनकी पूजा विपत्ति से छुटकारा पाने, रोग नाश करने, युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए की जाती है। यदि आपके जीवन में कोई बड़ा संकट है तो उससे निपटने के लिए ​आप धूमावती जयंती के दिन कामना के हिसाब से अलग अलग चीजों से हवन कर माता को प्रसन्न कर सकते हैं।

 

 

 

1. कर्ज से छुटकारा पाना चाहते हैं तो नीम की पत्तियों सहित घी से हवन करें।

2. पुराने रोग, बड़े संकट को टालने के लिए मीठी रोटी व घी से हवन करें।

3. गरीबी दूर करने के लिए गुड़ व गन्ने से हवन करें।

4. काल सर्प दोष और क्रूर ग्रह के दोष को नष्ट करने के लिए जटामांसी और कालीमिर्च से हवन करें।

5. सौभाग्य प्राप्ति के लिए रक्तचंदन घिस कर शहद में मिलाएं और इसमें जौ मिलाकर हवन करें।

6. कारागार में फंसे व्यक्ति को मुक्त करने के लिए काली मिर्च से हवन करें।

 

 

 

 

इन मंत्रों के जाप से भी पूरी होगी कामना
1. ॐ धूं धूं धूमावत्यै फट्

2. ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात

3. धूम्रा मतिव सतिव पूर्णात सा सायुग्मे, सौभाग्यदात्री सदैव करुणामयिरू

4. धूं धूं धूमावती ठरू ठरू

ध्यान रहे मां धूमावती की पूजा में अत्यंत सावधानी की जरूरत होती है वर्ना इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है। इ​सलिए पूजन किसी ज्योतिष विशेषज्ञ की देखरेख में ही संपन्न करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button